डायबिटीज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यह एक लाइलाज बीमारी है जो ज़िंदगीभर साथ रहती है। इसके लिए सही दिनचर्या, उचित खानपान और नियमित वर्कआउट जरूरी है। डायबिटीज के मरीजों को चीनी से परहेज करना चाहिए और अपने खानपान में ऐसे खाद्य पदार्थ शामिल करने चाहिए जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करें। जौ घास (Barley Grass) ऐसा ही एक सुपरफूड है, जो ब्लड शुगर कंट्रोल करने में फायदेमंद हो सकता है।
जौ घास: पोषण से भरपूर सुपरफूड
जौ घास केवल एक साधारण घास नहीं, बल्कि एक सुपरफूड है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करने, वजन घटाने और ब्लड शुगर नियंत्रित करने में मदद करता है। इसे जूस और पाउडर के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
पोषक तत्वों का भंडार:
- फाइबर: ब्लड शुगर कंट्रोल करने में सहायक।
- विटामिन A और K: शरीर को पोषण देने वाले मुख्य तत्व।
- पॉलीफेनोल्स और फ्लेवोनोइड्स: एंटीऑक्सिडेंट गुणों के साथ।
- GABA, Ca, K और ट्रिप्टोफैन: बेहतर नींद और तनाव कम करने में सहायक।
जौ घास से ब्लड शुगर कंट्रोल
जौ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
- डायटरी फाइबर: यह ब्लडस्ट्रीम में ब्लड शुगर को एब्जॉर्ब करने की प्रक्रिया को धीमा करता है।
- नियमित सेवन: डायबिटीज के मरीज जौ घास का सेवन कर सकते हैं, जिससे ब्लड शुगर स्तर स्थिर रहता है।
लिवर की सफाई और पाचन में मदद
- क्लोरोफिल: जौ घास में नेचुरल क्लोरोफिल पाया जाता है, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है।
- लिवर की सफाई: यह लिवर को डिटॉक्स करता है और उसकी कार्यक्षमता बढ़ाता है।
- पाचन शक्ति बढ़ाता है: इसमें मौजूद एंजाइम्स पाचन प्रक्रिया को मजबूत बनाते हैं।
- एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण: यह आंतों की परत को ठीक करता है और पेट की समस्याओं को दूर करता है।
- पीएच लेवल बैलेंस: इसके क्षारीय गुण शरीर में एसिड और पीएच लेवल को संतुलित रखते हैं।
जौ घास का उपयोग कैसे करें?
- जौ घास का जूस:
- ताजा जौ घास को ब्लेंड करें और उसका रस निकालकर सेवन करें।
- जौ घास पाउडर:
- इसे पानी या स्मूदी में मिलाकर पिएं।
- नियमित सेवन:
- डायबिटीज के मरीज इसे सुबह या शाम अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।