बरेली से ग्वालियर अब बस 6 घंटे में, 12 घंटे का थकाऊ सफर होगा खत्म, बनने जा रहा नया ‘ग्रीनफील्ड’ एक्सप्रेसवे

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अगर आप भी अक्सर उत्तर प्रदेश के बरेली से मध्य प्रदेश के ग्वालियर तक का लंबा और थकाऊ सफर करते हैं, तो यह खबर आपके चेहरे पर एक बड़ी सी मुस्कान लाने वाली है। टूटी-फूटी सड़कों पर लगने वाले 10 से 12 घंटे का वो मुश्किल सफर अब जल्द ही अतीत की बात बनने वाला है।

दो बड़े राज्यों, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को जोड़ने के लिए एक बिल्कुल नए और शानदार 4-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण का रास्ता अब साफ हो गया है। इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद यह दूरी सिमटकर सिर्फ 5 से 6 घंटे की रह जाएगी!

क्या है यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे?

यह कोई पुरानी सड़क को चौड़ा करके नहीं बनाया जा रहा। ‘ग्रीनफील्ड’ का मतलब है, यह एक बिल्कुल नई और सीधी सड़क होगी जो खेतों और खाली जमीनों के बीच से होकर गुजरेगी। इसका फायदा यह होगा कि आपको रास्ते में कोई गांव, कस्बा, बाजार या ट्रैफिक जाम परेशान नहीं करेगा और आपका सफर मक्खन की तरह गुजरेगा।

किन-किन जिलों की बदलेगी किस्मत?
यह एक्सप्रेसवे सिर्फ दो शहरों को ही नहीं, बल्कि अपने रास्ते में आने वाले कई जिलों के लिए तरक्की का नया रास्ता खोलेगा। यह एक्सप्रेसवे:

  • उत्तर प्रदेश के बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, मैनपुरी और इटावा से गुजरेगा।
  • मध्य प्रदेश के भिंड जिले से होते हुए सीधे ग्वालियर तक पहुंचेगा।

आम आदमी को इससे क्या फायदा होगा?

  1. समय की अविश्वसनीय बचत: यह इसका सबसे बड़ा फायदा है। 12 घंटे का सफर अब सिर्फ 6 घंटे का रह जाएगा, जिससे आपका पूरा दिन बच जाएगा।
  2. व्यापार और किसानों को फायदा: सोचिए, अब बदायूं या शाहजहांपुर के किसानों की फसल कितनी तेजी से ग्वालियर की मंडी तक पहुंच पाएगी। इससे व्यापार को पंख लगेंगे और कमाई बढ़ेगी।
  3. बेहतर कनेक्टिविटी: यह एक्सप्रेसवे आगे चलकर गंगा एक्सप्रेसवे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे जैसे बड़े महामार्गों से भी जुड़ेगा, जिससे आपकी पहुंच पूरे देश तक आसान हो जाएगी।
  4. आरामदायक और सुरक्षित सफर: टूटी सड़कों के झटकों और ट्रैफिक के शोर से छुटकारा मिलेगा और आपका सफर पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित और आरामदायक हो जाएगा।

काम कहां तक पहुंचा?
इस बड़े सपने को हकीकत में बदलने के लिए पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम उठाया जा चुका है। सरकार ने जमीन अधिग्रहण (यानी सड़क बनाने के लिए जमीन लेने की प्रक्रिया) की सरकारी सूचना जारी कर दी है, और जल्द ही जमीन लेने का काम शुरू हो जाएगा।

यह सिर्फ एक सड़क नहीं है, यह दो राज्यों के बीच विकास का एक नया ‘हाई-स्पीड कॉरिडोर’ है, जो लाखों लोगों की जिंदगी को आसान बनाने वाला है।

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