कुटीर-ग्रामोद्योग व मध्यम उद्यम को प्रोत्साहित करने के लिए सहयोगी प्रवृत्ति अपनाएं बैंक : मुख्यमंत्री

– मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में हुई राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक
भोपाल, 11 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में स्व-सहायता समूह, कुटीर-ग्रामोद्योग तथा मध्यम उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए बैंक सहयोगी प्रवृत्ति अपनाते हुए अपनी गतिविधियों का विस्तार करें। रोजगारमूलक कार्यों के लिए कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन जैसे क्षेत्रों में सभी जिलों में समान रूप से गतिविधियों को प्रोत्साहित करना आवश्यक है। व्यापार-व्यवसाय के साथ जन-कल्याण और आम आदमी की आर्थिक आत्मनिर्भरता से संबंधित कार्यों में बैंकों की ओर से संवदेनशीलता और तत्परता के साथ कार्य अपेक्षित है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरुवार को मंत्रालय में आयोजित राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 189वीं और 190वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में राज्य बैंकर्स समिति ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को राज्य शासन द्वारा सर्वजन हिताय बजट प्रस्तुत करने और “एक पेड़ मां के नाम” वृहद पौधरोपण अभियान के लिए बधाई देते हुए पौध-रोपण में सभी बैंकों के सक्रिय सहयोग का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने एन्युअल क्रेडिट प्लान मध्यप्रदेश 2024-25 पुस्तक का विमोचन भी किया।

उद्योग-व्यापार प्रोत्साहन के लिए आंचलिक स्तर पर गतिविधियाँ संचालित की जाएं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सभी क्षेत्रों के समान विकास के उद्देश्य से उद्योग-व्यापार प्रोत्साहन के लिए आंचलिक स्तर पर गतिविधियाँ संचालित कर रही है। बैंकर्स इस उद्देश्य से विभिन्न अंचलों की आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए पहल करें। विकास और गरीब कल्याण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जनजातीय क्षेत्रों में व्याप्त साहूकारी प्रथा से निकालकर लोगों को बैंकों से जोड़ने के लिए प्रयास किए जाएं। इसी प्रकार घुमन्तु, अर्धघुमन्तु जनजातियों को ठोस आजीविका के साधन उपलब्ध कराने के लिए उन्हें कृषि अथवा व्यवसाय से जोड़ने के लिए भी कार्य योजना बनाई जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निर्देश दिए कि जिन 14 स्थानों पर बैंकिंग शाखाएं खोली जाना शेष हैं, वहाँ आवश्यक समन्वय एवं प्रबंध कर समय-सीमा में बैंक सुविधा आरंभ की जाए।

मऊगंज, मैहर, पांढुर्ना आगर-मालवा तथा निवाड़ी में भी आरंभ होंगे ग्रामीण स्व-रोजगार प्रशिक्षण संस्थान
बैठक में वर्ष 2023-24 में बैंकों की व्यवसाय वृद्धि, वार्षिक साख योजना, शासकीय योजनाओं की प्रगति पर जानकारी प्रस्तुत की गई। साथ ही वित्तीय समावेशन, गैर निष्पादित अस्तियों के संबंध में भी विचार-विमर्श हुआ। बताया गया कि ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना लगभग सभी जिलों में की गई है। जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के बीपीएल युवाओं को आवश्यक कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है। नए जिले मऊगंज, मैहर और पांढुर्ना और पहले से आगर-मालवा तथा निवाड़ी में प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है।

बैठक में मुख्य सचिव वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, मलय श्रीवास्तव, केसी गुप्ता, प्रमुख सचिव सहकारिता दीपाली रस्तोगी, प्रमुख सचिव वित्त मनीष सिंह, भारत सरकार के वित्तीय सेवा विभाग के संचालक जितेन्द्र असाटी, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के संयोजक टीएस जीरा सहित राज्य शासन के अधिकारी और बैंकों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।