भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के तीन शीर्ष बैंकों, भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक को फिर से डी-एसआईबी सूची यानी घरेलू प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंकों में शामिल कर लिया है। बुधवार को आरबीआई ने डी-एसआईबी की सूची जारी की। इस सूची में शामिल होने के लिए बैंकों को उच्च कॉमन इक्विटी टियर 1 और पूंजी संरक्षण बफर बनाए रखना होगा।
कौन सा बैंक किस बाल्टी में रखा गया है
- आरबीआई द्वारा जारी सूची के अनुसार, एसबीआई बकेट 4 में है। इसके लिए बैंकों को 0.80 प्रतिशत अतिरिक्त सीईटी 1 बनाए रखना आवश्यक है।
- आईसीआईसीआई बैंक को इस सूची में बकेट 1 में रखा गया है। निजी क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े ऋणदाता को सीईटी 1 बफर में अतिरिक्त 0.20 प्रतिशत बनाए रखना होगा।
- इसी तरह, निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा ऋणदाता एचडीएफसी बैंक बकेट 2 में है। इसके तहत बैंक को 0.40 प्रतिशत से अधिक का सीईटी बनाए रखना होगा।
आरबीआई का कहना है कि 1 अप्रैल 2025 से एचडीएफसी बैंक और एसबीआई के लिए उच्च डी-एसआईबी सरचार्ज लागू होगा। एसबीआई और एचडीएफसी बैंक पर डी-एसआईबी सरचार्ज 31 मार्च 2025 तक 0.60 फीसदी और 0.20 फीसदी होगा।
यह वर्गीकरण डेटा आधारित है
केंद्रीय बैंक का कहना है कि यह वर्गीकरण बैंकों द्वारा 31 मार्च 2024 तक एकत्र किए गए आंकड़ों के आधार पर किया गया है। आरबीआई ने पहली बार साल 2014 में डी-एसआईबी सूची की रूपरेखा की घोषणा की थी। जिसके बाद साल 2015 में एसबीआई को इस सूची में टैग किया गया।
इसी प्रकार, आईसीआईसीआई को वर्ष 2016 में डी-एसआईबी सूची में शामिल किया गया था। एचडीएफसी बैंक को वर्ष 2017 में दो अन्य बैंकों के साथ इस सूची में जोड़ा गया था।