Banking Regulations : पंद्रह लाख की लिमिट अट्ठारह महीने में भुगतान जानें आरबीआई के नए बदलाव

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Newsindia live,Digital Desk: Banking Regulations : भारतीय रिजर्व बैंक एक बड़ा परिवर्तन करने के लिए तैयार है बैंकों को अठारह महीने के भीतर पुराने दावे और तीस जून तक खाते में जमा धन लौटाना होगा अब खाते की वापसी के लिए आरबीआई ने एक अहम नियम बनाया है केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए नियमों में कुछ नए बदलाव सामने आए हैं

आरबीआई के इन ड्राफ्ट नियमों में अठारह महीने की एक तय समय सीमा बताई गई है केंद्रीय बैंक के ताजा नियमों के अनुसार अब हर बैंक का ग्राहक या उसके बाद नामित कोई व्यक्ति उस रकम के दावे का पात्र होगा जो कम से कम दस साल या उससे ज्यादा समय से डिपॉजिटरी यानी खाते में पड़े हों इस राशि की क्लेम के लिए बैंक अधिकतम पंद्रह दिनों का समय लेंगे ताकि वेरिफिकेशन और भुगतान जल्द से जल्द हो सके अधिकतम अठारह महीने के भीतर ऐसी जमाराशियों के निपटान को पूरा करना है ताकि समय के कारण होने वाली अनावश्यक परेशानी को भी दूर किया जा सके भारतीय रिजर्व बैंक अपने वित्तीय सेवाओं के ग्राहक के हितों को प्राथमिकता देता है आरबीआई ने यह बदलाव इसलिए किया है ताकि बैंक अपने दावों और जमा राशियों के निपटान में पारदर्शिता ला सकें और ग्राहकों की संतुष्टि में सुधार हो

नए नियमों में शामिल मुख्य छह परिवर्तन इस प्रकार हैं

एक अठारह महीने की समय सीमा: बैंक खातों में अप्रयुक्त निधि से संबंधित दावे का निपटान पंद्रह दिन या ज्यादा से ज्यादा अठारह महीने के भीतर करेंगे बैंक द्वारा हर एक ग्राहक को यह जानकारी साझा की जाएगी इससे यह होगा कि बैंक द्वारा जमा कराई गई राशि ग्राहकों के परिवार को ही मिलेगी इसका भी पता लगाया जा रहा है यदि अठारह महीने के अंदर भी पैसा नहीं लिया जाता है

दो ग्राहकों को प्राथमिकता: केंद्रीय बैंक ग्राहकों के वित्तीय कल्याण और दावों के निवारण को प्राथमिकता देने पर जोर दे रहा है बैंक की जिम्मेदारी है कि वह समय सीमा के अंदर ग्राहकों के खाते में उनका जमा किया गया पैसा पहुँचाएँ इससे ग्राहक भी अपने पैसे का दावा करने के लिए जागरूक रहेंगे बैंक को ग्राहकों को दावा न की गई राशि और निपटान की स्थिति के बारे में जानकारी भी देनी होगी

तीन पंद्रह लाख रुपये की ऊपरी सीमा: अठारह महीने की समय सीमा उन दावों पर लागू होगी जिनकी राशि पंद्रह लाख रुपये तक या उससे कम है बड़ी राशि के लिए विस्तृत प्रक्रिया या विशिष्ट दिशानिर्देश आरबीआई द्वारा जारी किए जाएंगे ताकि किसी भी प्रकार का विवाद उत्पन्न न हो इसका पूरा प्रयास किया जाएगा

चार डिजिटल संचार और पहचान: भारतीय रिजर्व बैंक दावों और निकासी प्रक्रियाओं की सुविधा के लिए डिजिटल चैनलों के उपयोग को बढ़ावा दे रहा है जिससे उन्हें प्रभावी और सुरक्षित तरीके से अंजाम दिया जा सके इसके साथ ही अब डिजिटल पहचान का प्रयोग करना भी सरल हो जाएगा ताकि ग्राहकों को पैसे की वापसी आसानी से हो सके

पांच नियमित प्रगति अपडेट: आरबीआई की प्राथमिकता नियमित अपडेट प्राप्त करना है और दावों के निपटान में बैंकों की प्रगति की निगरानी करना है ताकि सभी लेनदेन के लिए एक सटीक टाइमलाइन बनाई जा सके इसका मुख्य उद्देश्य समय की कमी के साथ पारदर्शिता लाना और सभी प्रकार के दावों के साथ काम करना है

छह सुरक्षा प्रोटोकॉल और ऑडिट: सुरक्षा की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए ड्राफ्ट नियम डिजिटल लेनदेन में मजबूत प्रोटोकॉल पर जोर देते हैं साथ ही दावों को धोखाधड़ी और गलत कामों से रोकने के लिए नियमित ऑडिट का भी प्रावधान करते हैं सुरक्षा उपाय वित्तीय प्रणाली में विश्वास को बनाए रखने के लिए अनिवार्य होंगे यह ग्राहकों के पैसों की भी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा

यह परिवर्तन दावों और वापसी के निपटान में पारदर्शिता गति और सुरक्षा बढ़ाने के लिए आर बी आई की प्रतिबद्धता का एक संकेत है ग्राहकों के अनुकूल दृष्टिकोण को अपनाकर आरबीआई का उद्देश्य समग्र बैंकिंग अनुभव को सुव्यवस्थित करना है और भारत में ग्राहकों को अधिक शक्ति देना है जिससे उनका भरोसा बैंक और देश दोनों पर बना रहे

 

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