गुरुग्राम, 26 जून (हि.स.)। जिला के सभी बैंक अधिकारियों को एडीसी हितेश कुमार मीणा ने निर्देश दिए हैं कि कृषि क्षेत्र में अधिक से अधिक ऋण प्रदान कर किसानों को समृद्घ किया जाए। उन्होंने कहा कि बैंक केवल व्यवसायिक उद्देश्यों के लिए नहीं हैं, उनके कुछ सामाजिक सरोकार भी होते हैं।
वे बुधवार को लघु सचिवालय के सभागार में केनरा बैंक के तत्वाधान में आयोजित की गई जिला स्तरीय समीक्षा समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में विभिन्न बैंकों से आए अधिकारियों को उन्होंने निर्देश दिए कि बैंकों को सामाजिक उत्थान की दिशा में आगे आना चाहिए। किसानों को, बेरोजगार युवाओं को, महिला स्वयं सहायता समूह, बीपीएल परिवारों तथा मत्स्य पालन, डेयरी के लिए लोन ले रहे आवेदकों को प्राथमिकता के आधार पर ऋण दिए जाने चाहिए। केंद्र व राज्य सरकार ने समाज के अंत्योदय परिवारों के लिए कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हुई हैं। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण व शहरी आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना आदि के अंतर्गत लोन के आवेदनों को शीघ्र मंजूर जरूरतमंद परिवारों को समय पर लोन दिए जाने चाहिए।
एडीसी हितेश कुमार मीणा ने कहा कि जिन लोंगों को एक से दस लाख रुपये तक के छोटे लोन चाहिए, उनको बैंक अधिकारी बार-बार बैंक में चक्कर ना लगवाएं। लोन देने में सरकारी विभागों तथा बैंक के अधिकारी व कर्मचारी पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष व्यवहार करें। उन्होंने कहा कि सभी बैंकों के अधिकारी त्रैमासिक बैठक में आना सुनिश्चित करें, अन्यथा उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक अशोक कुमार ने बताया कि बैठक में मार्च 2023 से मार्च 2024 तक की प्रगति की समीक्षा की गई है। जिला में बैंकों की शाखाएं 896 हो गई हैं। गत वर्ष इनकी संख्या 876 थी। इस अवधि में बैंकों का जमा-ऋण का अनुपात 77.54 प्रतिशत रहा है। पिछले साल ये अनुपात 60.51 प्रतिशत था। यानी इस साल में 17 प्रतिशत अधिक लोन दिए गए हैं। बैंकों की जिला स्तरीय बैठक में आरबीआई से यश भारद्वाज, नाबार्ड के विनय त्रिपाठी, केनरा बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक चंद्र सिंह तोमर सहित अनेक अधिकारी उपस्थित रहे।