Bank Locker Rules: ग्राहकों के लिए बड़ी खबर! बैंक लॉकर में कीमती सामान रखने के लिए नए दिशा-निर्देश

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Bank Locker New Rules: RBI ने बैंक से जुड़े कई बड़े नियमों में बदलाव किया है. इसके तहत बैंक लॉकर के नियमों में ऐसे बदलाव हुए हैं जिनका सीधा असर आप पर पड़ेगा. लोग अपने आभूषण और दूसरे कीमती सामान बैंक लॉकर में रखते हैं, ताकि ये महंगे सामान सुरक्षित रहें. दरअसल, बैंकों की तुलना में हमारे घरों में चोरी या खोने की संभावना ज्यादा होती है. लेकिन अब आपकी इस खास सुविधा पर ग्रहण लग सकता है. RBI के नियम के मुताबिक, अगर आप लंबी अवधि तक लॉकर नहीं खोलते हैं तो बैंक आपका लॉकर तोड़ सकता है.

RBI ने बदले बड़े नियम

नियम के अनुसार, लॉकर में आग लगने, चोरी होने, डकैती होने या सेंधमारी होने पर बैंक पूरी तरह जिम्मेदार होगा और इन परिस्थितियों में बैंक को लॉकर के वार्षिक किराए का 100 गुना ग्राहक को देना होगा। वहीं, अगर भूकंप, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण लॉकर को नुकसान पहुंचता है तो बैंक ऐसे नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा।

बैंकों के लिए नए दिशानिर्देश

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सुरक्षित जमा लॉकरों के संबंध में संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस नए दिशा-निर्देश में बैंकों को लॉकर खोलने की अनुमति दी गई है, अगर लॉकर लंबे समय से नहीं खोला गया है। भले ही किराया नियमित रूप से दिया जा रहा हो।

आरबीआई ने संशोधन किया

बैंकिंग एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विभिन्न विकासों, उपभोक्ता शिकायतों की प्रकृति तथा बैंकों एवं भारतीय बैंक संघ से प्राप्त फीडबैक को ध्यान में रखते हुए, भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में सुरक्षित जमा लॉकरों के संबंध में अपने दिशानिर्देशों में संशोधन किया है तथा निष्क्रिय बैंक लॉकरों के संबंध में भी बैंकों को नए निर्देश दिए हैं।

बैंक लॉकर तोड़ सकता है

RBI के संशोधित दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि यदि लॉकर 7 साल की अवधि तक निष्क्रिय रहता है और नियमित रूप से किराया चुकाए जाने के बावजूद लॉकर-किराएदार का पता नहीं लगाया जा सकता है, तो बैंक लॉकर को तोड़ने और लॉकर की सामग्री को उसके नामिती/कानूनी उत्तराधिकारी को हस्तांतरित करने या पारदर्शी तरीके से वस्तुओं का निपटान करने के लिए स्वतंत्र होगा। लेकिन साथ ही, जनहित की रक्षा करते हुए, केंद्रीय बैंक ने विस्तृत निर्देश भी जारी किए हैं जिनका किसी भी लॉकर को तोड़ने से पहले पालन किया जाना चाहिए।

बैंक लॉकर-किराएदार को सचेत करेगा

RBI के दिशा-निर्देशों के अनुसार बैंक लॉकर-किराएदार को पत्र के माध्यम से सूचना देगा तथा पंजीकृत ईमेल आईडी और मोबाइल फोन नंबर पर ईमेल और एसएमएस अलर्ट भेजेगा। यदि पत्र बिना डिलीवर किए वापस आ जाता है या पताकर्ता लॉकर किराएदार को ज्ञात नहीं है, तो बैंक दो समाचार पत्रों (एक अंग्रेजी में और दूसरा स्थानीय भाषा में) में एक सार्वजनिक नोटिस जारी करेगा, जिसमें लॉकर किराएदार या लॉकर की सामग्री में रुचि रखने वाले किसी अन्य व्यक्ति को जवाब देने के लिए उचित समय दिया जाएगा।

लॉकर खोलने के दिशा-निर्देश

केंद्रीय बैंक के दिशा-निर्देशों में आगे कहा गया है कि लॉकर को बैंक के एक अधिकारी और दो स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में खोला जाना चाहिए और पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जानी चाहिए। आरबीआई ने आगे कहा कि लॉकर खोलने के बाद, उसमें रखी सामग्री को ग्राहक द्वारा दावा किए जाने तक एक सीलबंद लिफाफे में विस्तृत सूची के साथ अग्निरोधक तिजोरी में छेड़छाड़-रोधी तरीके से रखा जाएगा।