ढाका/नई दिल्ली: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस के कार्यालय ने कहा है कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना का भारत से प्रत्यर्पण उनकी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। मुख्य सलाहकार यूनुस के प्रेस सचिव, शफीक-उल आलम, ने संवाददाताओं को बताया कि ढाका सरकार हसीना को प्रत्यर्पित करने के अपने प्रयास जारी रखेगी ताकि उन पर व्यक्तिगत रूप से मुकदमा चलाया जा सके।
क्या कहा यूनुस के प्रेस सचिव ने?
शफीक-उल आलम के अनुसार, एक भारतीय मीडिया समूह द्वारा किए गए सर्वेक्षण में पाया गया कि 55% भारतीय शेख हसीना को ढाका वापस भेजे जाने के पक्ष में हैं। वहीं, कुछ लोग उन्हें किसी अन्य देश भेजने की राय रखते हैं, जबकि केवल 16-17% चाहते हैं कि वे भारत में ही रहें।
शेख हसीना का आरोप: ‘बांग्लादेश को आतंकी स्टेट बना दिया’
हाल ही में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने उन पुलिसकर्मियों की विधवाओं के साथ वर्चुअल संवाद किया, जिनके पति प्रदर्शनकारियों के हमलों में मारे गए थे। इस दौरान उन्होंने बांग्लादेश में बढ़ती आतंकी गतिविधियों की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि मुहम्मद यूनुस ने देश को एक “आतंकी स्टेट” बना दिया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि पीड़ित परिवारों की हरसंभव मदद की जाएगी और हत्यारों को सख्त सजा दी जाएगी।
“मौतों का बदला लूंगी” – शेख हसीना
बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के दौरान हुई हिंसा को लेकर शेख हसीना ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मैं लौटूंगी और हमारे पुलिसकर्मियों की मौतों का बदला लूंगी।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यूनुस की अंतरिम सरकार में एक छात्र नेता शामिल है, जो यह दावा करता है कि बिना पुलिसकर्मियों की हत्या के कोई क्रांति संभव नहीं है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “हमें इस अराजकता को समाप्त करना होगा।”
बांग्लादेश में जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर भारत और बांग्लादेश के संबंधों पर भी असर पड़ सकता है। अब देखना यह होगा कि इस मुद्दे पर भारत सरकार का रुख क्या रहता है