भारत में बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा लगातार गंभीर होता जा रहा है। दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर यह समस्या सियासी बहस का केंद्र बनी हुई है। आरोप लगाए जा रहे हैं कि बांग्लादेशी घुसपैठिए न केवल राजधानी में बस गए हैं, बल्कि कई ने मतदाता पहचान पत्र भी हासिल कर लिए हैं। भाजपा इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी की सरकार को निशाने पर ले रही है। दिल्ली के अलावा मुंबई, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी यह समस्या गहराती जा रही है।
दिल्ली: बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ अभियान तेज
पुलिस की कार्रवाई
दिल्ली पुलिस अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ विशेष अभियान चला रही है। हाल ही में साउथ डिस्ट्रिक्ट पुलिस ने सात बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़कर डिपोर्ट किया।
- कहां हुई कार्रवाई:
- फतेहपुर बेरी थाना क्षेत्र के अर्जनगढ़ मेट्रो स्टेशन के पास।
- गिरफ्तार लोग:
- मोहम्मद उमर फारूक, रियाज मियां उर्फ रमोन खान और पांच महिलाएं।
- तरीका:
- स्थानीय मुखबिरों, सीसीटीवी कैमरों और समुदाय के सदस्यों की मदद से संदिग्धों की पहचान की गई।
कालिंदी कुंज में सर्च ऑपरेशन
दिल्ली के कालिंदी कुंज थाना क्षेत्र में पुलिस ने संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों की तलाश के लिए कई इलाकों में छापेमारी की। मदनपुर खादर और कंचन कुंज में भी पूछताछ की गई।
त्रिपुरा: घुसपैठ में बढ़ोतरी, 100 से अधिक गिरफ्तार
बांग्लादेश की खराब परिस्थितियों का असर भारत पर भी पड़ रहा है, खासकर त्रिपुरा में। यह राज्य तीन ओर से बांग्लादेश से घिरा हुआ है, जिससे घुसपैठ की घटनाएं बढ़ी हैं।
- हालिया गिरफ्तारी:
- 100 से अधिक घुसपैठिए गिरफ्तार किए गए।
- फर्जी दस्तावेज:
- इन घुसपैठियों ने फर्जी आधार कार्ड के सहारे भारत में प्रवेश किया।
- दावा है कि ये आधार कार्ड भारत में ही बनाए गए थे।
प्रशासन के सामने चुनौती
फर्जी दस्तावेजों का खतरा
- घुसपैठिए दलालों की मदद से फर्जी आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र जैसे दस्तावेज बनवा लेते हैं।
- सीमावर्ती इलाकों से प्रवेश कर ये अन्य राज्यों में फैल जाते हैं।
- प्रशासन के पास फर्जी दस्तावेजों की जांच के लिए पर्याप्त तकनीकी सुविधाएं नहीं हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर
फर्जी दस्तावेजों के सहारे बांग्लादेशी नागरिकों का भारतीय सिस्टम में शामिल होना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है।
पश्चिम बंगाल: घुसपैठ पर रोक लगाने की कोशिशें
हाल की कार्रवाई
- कोलकाता, उत्तर 24 परगना और नादिया जिलों में 13 बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया गया।
- पांच दलाल भी पकड़े गए, जो इन्हें पनाह देते थे।
डीजीपी का बयान
- पश्चिम बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार ने कहा कि बांग्लादेश से घुसपैठ रोकने की जिम्मेदारी सीमा सुरक्षा बल (BSF) की है।
- उन्होंने राज्य पुलिस की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि पुलिस घुसपैठ की समस्या से सफलतापूर्वक निपट रही है।
महाराष्ट्र: 16 बांग्लादेशी घुसपैठिए गिरफ्तार
एटीएस की कार्रवाई
महाराष्ट्र में आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) ने नवी मुंबई, ठाणे और सोलापुर में विशेष अभियान चलाया।
- गिरफ्तार लोग:
- छह महिलाओं समेत 16 बांग्लादेशी नागरिक।
- जाली दस्तावेज:
- इन लोगों ने फर्जी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज बनवाए थे।
- कानूनी कार्रवाई:
- इनके खिलाफ विदेशी अधिनियम और अन्य संबंधित कानूनों के तहत मामले दर्ज किए गए।
घुसपैठ रोकने के लिए जरूरी कदम
1. सीमाओं की सख्ती से निगरानी
- सीमा पर निगरानी बढ़ाने और तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल करने की जरूरत है।
2. फर्जी दस्तावेजों की जांच
- प्रशासन को दस्तावेजों की जांच के लिए आधुनिक तकनीक अपनानी चाहिए।
3. दलालों पर कार्रवाई
- घुसपैठियों को पनाह देने वाले दलालों और फर्जी दस्तावेज बनाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
4. जनजागरूकता अभियान
- सीमावर्ती और शहरी इलाकों में जागरूकता बढ़ाकर घुसपैठ की समस्या को कम किया जा सकता है।