भारत और बांग्लादेश के बीच हाल के महीनों में बढ़े तनाव के बीच, बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान ने दोनों देशों के रिश्तों को महत्वपूर्ण बताते हुए निष्पक्षता पर आधारित संबंधों की वकालत की है। उन्होंने बांग्लादेश की भारत पर निर्भरता और नई दिल्ली के रणनीतिक हितों को ध्यान में रखते हुए अपने देश के रुख को स्पष्ट किया।
भारत-बांग्लादेश संबंधों का महत्व
बांग्लादेश के प्रमुख समाचार पत्र प्रोथोम अलो को दिए साक्षात्कार में, जनरल जमान ने कहा कि भारत बांग्लादेश का एक महत्वपूर्ण पड़ोसी है। उन्होंने कहा, “हम भारत पर कई मायनों में निर्भर हैं, और भारत को भी हमसे सुविधाएं मिलती हैं। दोनों देशों के बीच ऐसा रिश्ता है, जो निष्पक्षता और आपसी लाभ पर आधारित होना चाहिए।”
उन्होंने भारत की बांग्लादेश में स्थिरता में रुचि का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच रोजमर्रा की जरूरतों से जुड़ा गहरा रिश्ता है।
तनाव के बीच संतुलन की अपील
बांग्लादेश में नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में कार्यवाहक सरकार के गठन के बाद से भारत-बांग्लादेश संबंधों में खटास आई है।
- भारत ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को लेकर अपनी चिंताओं से यूनुस सरकार को अवगत कराया।
- वहीं, बांग्लादेश सरकार ने हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर दिया, जिससे संबंधों में और तनाव पैदा हुआ।
इसके बावजूद, जनरल जमान ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों की सुरक्षा को लेकर ढाका के सहयोग की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगा, जो भारत के रणनीतिक हितों के खिलाफ हो।
शेख हसीना के भारत में शरण और संदर्भ
साक्षात्कार में यह भी सामने आया कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पिछले साल 5 अगस्त को उपद्रव और हिंसा के बाद भारत में शरण ले चुकी हैं। शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार ने भारत विरोधी विद्रोही समूहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की थी, जो बांग्लादेश में गुप्त ठिकानों से काम कर रहे थे।
भारत-बांग्लादेश का साझा भविष्य
बांग्लादेश और भारत के बीच व्यापार, लोगों की आवाजाही, और सुरक्षा सहयोग जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दे जुड़े हुए हैं।
जनरल जमान ने कहा, “भारत और बांग्लादेश के बीच लेन-देन वाला रिश्ता है। यह निष्पक्षता और आपसी सम्मान पर आधारित होना चाहिए।”