पड़ोसी देश बांग्लादेश भारत से अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर अपने अनुरोध का जवाब पाने की प्रतीक्षा कर रहा है। हालांकि, नई दिल्ली की तरफ से इस मामले में अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय का बयान
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद रफीकुल आलम ने कहा कि
“हमने सोमवार को राजनयिक नोट भेजा था, लेकिन भारत की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। हम भारत के जवाब का इंतजार कर रहे हैं। हमारी अगली कार्रवाई भारत की प्रतिक्रिया के आधार पर होगी।”
प्रत्यर्पण संधि में समय सीमा का अभाव
- प्रवक्ता ने यह स्वीकार किया कि भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण संधि में जवाब देने की कोई समय सीमा निर्दिष्ट नहीं है।
- उन्होंने कहा कि अगर उचित समय अवधि के भीतर जवाब नहीं मिलता, तो ढाका एक “नोट ऑफ अर्जेंसी” जारी करेगा।
- रफीकुल आलम ने आगे कहा:
“किसी भी जवाब का एक स्वाभाविक समय होता है। अगर हमें समय पर प्रतिक्रिया नहीं मिलती, तो हम तत्कालता का नोट भेजकर अपनी अपेक्षा व्यक्त करेंगे।”
भारत की प्रतिक्रिया का इंतजार
बांग्लादेशी विदेश मंत्रालय का कहना है कि नोट दिए जाने के बाद केवल दो दिन हुए हैं, इसलिए तुरंत अगला कदम उठाना मुश्किल है।
- विदेश मंत्रालय का रुख:
- बांग्लादेश ने भारत को प्रत्यर्पण अनुरोध के महत्व से अवगत कराया है।
- नोट भेजने के बाद अगली कार्रवाई भारतीय प्रतिक्रिया के आधार पर तय की जाएगी।
महफूज आलम की टिप्पणी पर विवाद
इस बीच, बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख सहयोगी महफूज आलम की एक फेसबुक पोस्ट ने विवाद खड़ा कर दिया।
- महफूज आलम ने लिखा कि:
“कुछ भारतीय क्षेत्रों को बांग्लादेश का हिस्सा होना चाहिए और भारत को उस विद्रोह को मान्यता देनी चाहिए जिसने शेख हसीना को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया।”
- हालांकि, यह पोस्ट बाद में डिलीट कर दी गई।
बांग्लादेश सरकार का स्पष्टीकरण
बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार के उप प्रेस सचिव अपूर्वा जहांगीर ने कहा कि:
- महफूज आलम की पोस्ट उनकी व्यक्तिगत राय थी और यह सरकार की आधिकारिक स्थिति को नहीं दर्शाती।
- महफूज ने बाद में एक स्पष्टीकरण पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने अपने बयान पर सफाई दी।
नोट ऑफ अर्जेंसी की तैयारी
बांग्लादेश ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर भारत से समय पर प्रतिक्रिया नहीं मिलती, तो
- “नोट ऑफ अर्जेंसी” जारी किया जाएगा।
- यह नोट इस बात को रेखांकित करेगा कि बांग्लादेश प्रत्यर्पण अनुरोध को लेकर गंभीर है।
भारत-बांग्लादेश संबंधों पर असर
शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर भारत की प्रतिक्रिया में देरी से दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों में तनाव बढ़ सकता है।
- बांग्लादेश इस मुद्दे को अत्यधिक प्राथमिकता दे रहा है।
- भारत के जवाब का स्वरूप और समय दोनों देशों के रिश्तों पर निर्णायक प्रभाव डाल सकते हैं।