पड़ोसी देश बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था के खिलाफ शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन अब हिंसक होता जा रहा है. हर तरफ हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ को देखते हुए पीएम शेख हसीना ने देशव्यापी संचार बंद करने का आदेश दिया है। इसके अलावा मोबाइल इंटरनेट और सोशल मीडिया पर दो दिनों के लिए रोक लगा दी गई है. बांग्लादेश की नरसिंगडी जिला जेल से एक हिंसक प्रदर्शनकारी भीड़ ने सभी कैदियों को बाहर निकाला और जेल में आग लगा दी.
जेल में सजा काट रहे सैकड़ों कैदियों को रिहा कर दिया गया. भीड़ ने पूरे परिसर में आग लगा दी और सरकार विरोधी नारे लगाये. इसके अलावा कल बांग्लादेश के सरकारी टीवी चैनल पर भीड़ ने तोड़फोड़ की और आग लगा दी.
जानकारी के मुताबिक बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में कम से कम 64 लोग मारे गए हैं. इस हिंसा में 2500 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. गुरुवार को बांग्लादेश में सबसे ज्यादा मौतें हुईं. 18 जुलाई यानी शुक्रवार को हुई हिंसा में 30 से ज्यादा लोगों की जान चली गई.
सैकड़ों कैदी जेल से भाग गये, जेल में आग लगा दी
प्रदर्शनकारी भीड़ ने नरसिंगडी जेल को निशाना बनाया. जेल को घेरकर भीड़ जेल में घुस गई. प्रदर्शनकारियों ने कैदियों को छुड़ा लिया और पूरे जेल परिसर में आग लगा दी. जेल के पास रहने वाले एक शख्स ने बताया कि उसने कई लोगों को बैग और अपना सामान लेकर जेल से निकलते देखा.
बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शन का कारण क्या है?
बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार ने स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों के परिवारों को नौकरियों में आरक्षण देने का ऐलान किया है. देश में सैनिकों के आरक्षण के खिलाफ बड़ी संख्या में युवा और छात्र सड़कों पर उतर आए हैं और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. विरोध प्रदर्शन बेहद हिंसक हो गया है. इसके अलावा तोड़फोड़ और आगजनी भी की जा रही है. पूरा बांग्लादेश हिंसा में डूब गया है.