बांग्लादेश-पाकिस्तान के रिश्तों में आया बड़ा बदलाव, भारत के लिए बढ़ी चिंता

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1971 में पाकिस्तान से अलग होकर बने बांग्लादेश के साथ उसके रिश्ते हमेशा से तनावपूर्ण रहे हैं, लेकिन अब समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। शेख हसीना की सरकार जाने के बाद बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतों का प्रभाव बढ़ा है, जिससे पाकिस्तान के साथ उसके रिश्तों में नया मोड़ आ रहा है।

जमात-ए-इस्लामी जैसे कट्टरपंथी संगठन सत्ता में मजबूत स्थिति में हैं और अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस भी उनके समर्थक माने जाते हैं। इसी कारण अब बांग्लादेश पाकिस्तान के साथ राजनीतिक और आर्थिक संबंधों को फिर से मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।

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कैसे सुधर रहे हैं पाकिस्तान और बांग्लादेश के रिश्ते?

पाकिस्तान से आयात को मिली मंजूरी – बांग्लादेश ने पाकिस्तान से सामान के आयात को हरी झंडी दे दी है।
पाकिस्तानी माल के लिए खोले गए बंदरगाह – अब पाकिस्तान से आने वाला सामान सीधे चटगांव समेत दो बड़े बंदरगाहों तक पहुंच रहा है।
उच्च-स्तरीय राजनयिक संपर्क – पाकिस्तान के डिप्टी पीएम मोहम्मद इशाक डार जल्द ही बांग्लादेश का दौरा करने वाले हैं।

यह यात्रा इसलिए भी अहम है क्योंकि 2008 के बाद पहली बार कोई पाकिस्तानी मंत्री बांग्लादेश के दौरे पर जा रहा है।

भारत के लिए क्यों बढ़ी चिंता?

शेख हसीना के शासनकाल में बांग्लादेश और भारत के संबंध बेहद मजबूत रहे। लेकिन अब हालात बदल रहे हैं:

ISI की मौजूदगी – बांग्लादेशी अधिकारी भारत के पूर्वोत्तर इलाकों से सटे क्षेत्रों में पाकिस्तानी एजेंसी ISI के लोगों को लेकर पहुंचे।
पूर्वोत्तर में साजिश का खतरा – पहले भी ISI ने भारत के पूर्वोत्तर में उग्रवाद और अलगाववाद को बढ़ावा देने की कोशिश की थी।
बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतों का बढ़ता प्रभाव – जो भारत से अधिक पाकिस्तान के करीब जाने की कोशिश कर रही हैं।

बांग्लादेश और पाकिस्तान के बढ़ते संबंधों का कारण क्या है?

शेख हसीना सरकार की विदाई के बाद कट्टरपंथियों का प्रभाव बढ़ा।
नई सरकार में कई ऐसे लोग शामिल हैं, जो पाकिस्तान से दोस्ती के पक्षधर हैं।
1971 के युद्ध को लेकर अब कुछ लोग भारत की भूमिका को स्वीकार नहीं करना चाहते और इस्लामिक भाईचारे के नाम पर पाकिस्तान से संबंध सुधारने की वकालत कर रहे हैं।

पाकिस्तान-बांग्लादेश की बढ़ती नजदीकियां और भारत की रणनीति

पाकिस्तान के डिप्टी पीएम इशाक डार के दौरे से पहले बांग्लादेश के सलाहकार मोहम्मद तौहिद हुसैन और इशाक डार की जेद्दा में मुलाकात हो चुकी है। ढाका में पाकिस्तानी उच्चायोग के अनुसार, यह बैठक बहुत अच्छे माहौल में हुई।

इस नए समीकरण को देखते हुए भारत को अपनी रणनीति मजबूत करनी होगी ताकि बांग्लादेश में ISI की बढ़ती गतिविधियों और कट्टरपंथी ताकतों को रोका जा सके।