बांग्लादेश: शेख हसीना के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का ऐलान, 2025 को न्याय का वर्ष बताया

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बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल तेज हो गई है। मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने घोषणा की है कि वर्ष 2025 को मानवाधिकार हनन और अन्य अपराधों के मामलों में न्याय का वर्ष बनाया जाएगा। उनका बयान सीधे तौर पर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी पार्टी अवामी लीग की ओर इशारा करता है। मुख्य अभियोजक ने कहा कि हसीना और उनकी सरकार के खिलाफ दर्ज मामलों की सुनवाई शीघ्र शुरू की जाएगी।

मुख्य अभियोजक का बयान

ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ताजुल इस्लाम ने कहा,

“अवामी लीग सरकार के अपराधों की जांच और सुनवाई तेज गति से हो रही है। खासकर जुलाई और अगस्त 2024 में हुए मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।”

उन्होंने बताया कि प्रधान न्यायाधीश की सहमति के बाद विशेष अदालत में सुनवाई शुरू होगी।

शेख हसीना के खिलाफ मामले और गिरफ्तारी वारंट

  • इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना पर मानवाधिकार उल्लंघन की कई धाराओं में मामले दर्ज किए हैं।
  • उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी हो चुका है।
  • मौजूदा यूनुस सरकार ने उनकी वतन वापसी के लिए भारत से सहयोग मांगा है। हालांकि, भारत सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

विपक्ष की मांग: पहले हसीना पर मुकदमा, फिर चुनाव

  • विपक्षी दलों और छात्रदल ने मांग की है कि शेख हसीना का मुकदमा चलाने के बाद ही देश में चुनाव हों।
  • उनका कहना है कि अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाया जाए और उनके शासन के दौरान हुए सभी अपराधों की निष्पक्ष जांच हो।

क्या चल रही है गुप्त रणनीति?

  • बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हसीना को देश वापस लाने की कोशिशें तेज की जा रही हैं।
  • सियासी विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा सरकार अवामी लीग के खिलाफ कार्रवाई को लेकर गुप्त रणनीति अपना सकती है।

राजनीतिक अस्थिरता के बीच क्या होगा न्याय?

बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ते तनाव के बीच यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि शेख हसीना की वतन वापसी और कानूनी प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ती है।
क्या 2025 बांग्लादेश में न्याय का वर्ष साबित होगा, या यह देश में एक और राजनीतिक संकट को जन्म देगा? यह सवाल फिलहाल अनिश्चित है।