Bandikui-Jaipur Highway Update: जयपुर और दिल्ली को जोड़ने वाले जयपुर-बांदीकुई एक्सप्रेसवे का निर्माण, जिसे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जयपुर को कनेक्ट करने के लिए बनाया जा रहा है, अपने निर्धारित समय से पीछे चल रहा है। इसे नवंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन अब यह फरवरी 2024 तक पूरा होने की संभावना है।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के दौसा प्रोजेक्ट डायरेक्टर, बलवीर सिंह यादव ने जानकारी दी कि काम में हुई देरी का मुख्य कारण भूमि अधिग्रहण की समस्याएं और रेलवे ओवरब्रिज (ROB) के निर्माण में अड़चनें हैं।
एक्सप्रेसवे के निर्माण में देरी के कारण
- बगराना में भूमि अधिग्रहण की समस्या:
- बगराना के पास क्लोवर लीफ निर्माण में भूमि अधिग्रहण में देरी हुई।
- यह जयपुर-आगरा राजमार्ग पर स्थित है, जहां से एक्सप्रेसवे की शुरुआत होती है।
- बांदीकुई के पास रेलवे ओवरब्रिज (ROB):
- कोलवा गांव में रेलवे लाइन पर ROB के निर्माण में देरी भी मुख्य कारणों में से एक है।
- निर्माण कार्य नवंबर 2022 में शुरू हुआ था और इसे नवंबर 2023 तक पूरा करना था।
फरवरी 2024 तक एक्सप्रेसवे के पूरा होने की संभावना
NHAI ने अब दावा किया है कि यह एक्सप्रेसवे फरवरी 2024 तक तैयार हो जाएगा।
- यह चार-लेन एक्सप्रेसवे जयपुर से बगराना के पास शुरू होकर बांदीकुई में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा।
- सोहना-दौसा खंड के उद्घाटन के बाद इस परियोजना की घोषणा की गई थी।
जयपुर-बांदीकुई एक्सप्रेसवे: यात्रियों के लिए फायदे
- समय की बचत:
- एक्सप्रेसवे के बनने से जयपुर से दिल्ली की यात्रा में 3 से 3.5 घंटे का समय लगेगा।
- जयपुर और दिल्ली के बीच की दूरी भी लगभग 20 किलोमीटर कम हो जाएगी।
- बेहतर कनेक्टिविटी:
- जयपुर से बांदीकुई, और फिर बांदीकुई से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे तक seamless कनेक्शन मिलेगा।
- यह मार्ग गुरुग्राम और दिल्ली तक आसानी से पहुंचने का विकल्प देगा।
- वाहन चालकों के लिए सुविधा:
- वर्तमान मार्ग की तुलना में यह एक्सप्रेसवे अधिक सुगम और समय की बचत करने वाला होगा।
महत्वपूर्ण तथ्य और प्रगति
- निर्माण की शुरुआत:
निर्माण कार्य नवंबर 2022 में शुरू हुआ था। - विलंब का कारण:
- भूमि अधिग्रहण में समस्याएं।
- रेलवे ओवरब्रिज निर्माण में देरी।
- वर्तमान स्थिति:
दिसंबर 2023 तक काम पूरा होने का लक्ष्य था, लेकिन अब यह फरवरी 2024 तक पूरा होगा। - लागत और विस्तार:
परियोजना का खर्च और मार्ग की विस्तार योजना NHAI के गति शक्ति फ्रेमवर्क के तहत है।
एक्सप्रेसवे का महत्व: क्षेत्रीय विकास को गति
- आर्थिक विकास:
- जयपुर और दिल्ली के बीच बेहतर कनेक्टिविटी से व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
- एक्सप्रेसवे के आस-पास के क्षेत्रों में विकास के नए अवसर पैदा होंगे।
- परिवहन में सुधार:
- माल ढुलाई के समय में कमी आएगी।
- यात्रियों और वाहनों के लिए सुविधाजनक यात्रा होगी।
- राष्ट्रीय महत्व:
- यह एक्सप्रेसवे भारत के प्रमुख आर्थिक गलियारों को जोड़ने का काम करेगा।
- दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ने के बाद यह राजस्थान के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।