बंद का भागलपुर में रहा मिला जुला असर

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भागलपुर, 21 अगस्त (हि.स.)। एससी/एसटी के उप-वर्गीकरण के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बहुजन संगठनों के द्वारा आहुत भारत बंद का भागलपुर में मिला जुला असर देखने को मिला। बंद समर्थक एससी/एसटी उपवर्गीकरण का विरोध करने के साथ ही बिहार के एससी, एसटी और ईबीसी-बीसी के 65 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान को 9 वीं अनुसूची में डालने, लैटरल एंट्री के जरिए भर्ती पर रोक लगाने, ओबीसी को आबादी के अनुपात में आरक्षण देने, आरक्षण की तय 50 प्रतिशत की सीमा और ओबीसी आरक्षण में क्रीमी लेयर के प्रावधान को खत्म करने, जाति जनगणना जल्द कराने और निजी क्षेत्र और हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति सहित हर क्षेत्र में एससी, एसटी और ओबीसी को आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी की गारंटी करने की मांगों को भी बुलंद कर रहे थे।

बंद की अगुआई सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) के गौतम कुमार प्रीतम, बिहार फुले-अंबेडकर युवा मंच के अखिलेश रमण, नसीब रविदास, अशोक अंबेडकर, सुनील दास, बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन (बिहार) के अनुपम आशीष, संतोष पासवान, सोहराब आलम, दीपक दीवान कर रहे थे। उधर बिहपुर में सुबह 9:30 बजे से ही बिहपुर प्रखंड के शहीद गेट पर बंद समर्थकों का जुटान शुरु हो गया था।

बिहपुर विधानसभा क्षेत्र से बंद समर्थकों का जत्था सोनवर्षा, हरिओ, झंडापुर, बिक्रमपुर, अरसंडीह, खरीक, नारायणपुर आदि जगहों से जमा हुए। 11:00 बजे हजारों की संख्या में जत्था शांतिपूर्ण भारत बंद का नारा लगाते हुए बिहपुर प्रखंड कार्यालय होकर बाज़ार भ्रमण किया। बाद में एक जगह इकट्ठा होकर सभा की। सभा को संबोधित करते हुए गौतम कुमार प्रीतम और अखिलेश रमण ने कहा कि ऐतिहासिक बंद के जरिए बिहपुर सहित देशभर के बहुजनों ने एससी/एसटी उपवर्गीकरण के खिलाफ अन्य मांगों के पक्ष में एकजुट आवाज बुलंद की है। इस आवाज को नरेन्द्र मोदी की सरकार अनसुना नहीं करे। संसद में बिल लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को रद्द करे।