कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी पर लगे बैन, सिखों को किया जा रहा बदनाम; SGPC ने उठा दी मांग

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कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ 17 जनवरी को रिलीज होने वाली है, लेकिन इस बीच सिख संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने फिल्म पर बैन लगाने की मांग की है। एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने पंजाब सरकार से इस संबंध में पत्र लिखकर शिकायत की है। कंगना रनौत, जो इस फिल्म की मुख्य अभिनेत्री हैं, हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से सांसद भी हैं।

धामी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र भेजकर कहा कि कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ 17 जनवरी 2025 को पंजाब के विभिन्न सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है और इसके लिए टिकटें भी बुक की जा चुकी हैं। उन्होंने बताया कि एसजीपीसी ने पहले ही 28 सितंबर 2024 को एक प्रस्ताव के माध्यम से पंजाब सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।

उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि फिल्म ‘इमरजेंसी’ को पंजाब में प्रदर्शित नहीं होने दिया जाएगा, क्योंकि यह सिखों को बदनाम करने के उद्देश्य से राजनीतिक तरीके से बनाई गई है। धामी ने कहा कि राज्य सरकार से यह मांग की गई थी कि वह फिल्म की रिलीज पर रोक लगाए, लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया। यदि फिल्म 17 जनवरी 2025 को रिलीज होती है, तो इससे सिख समुदाय में आक्रोश और गुस्सा पैदा होगा।

धामी ने कहा कि फिल्म में 1984 में सिखों के पवित्र तीर्थस्थलों, जैसे सचखंड श्री स्वर्ण मंदिर और श्री अकाल तख्त साहिब, पर हमलों के साथ-साथ सिख नरसंहार की घटनाओं को दबाकर सिख विरोधी एजेंडे को बढ़ावा दिया गया है। इसके अलावा, फिल्म में सिखों के राष्ट्रीय शहीद संत जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाले का भी चित्रण किया गया है। उन्होंने दोहराया कि एसजीपीसी कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ को पंजाब में रिलीज होने से तुरंत रोकने की मांग करती है, अन्यथा राज्य स्तर पर इसका कड़ा विरोध करने को मजबूर होगी।