रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शनिवार को अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव से इस हफ्ते हुए अजरबैजान एयरलाइंस के विमान हादसे पर माफी मांगी। इस दर्दनाक घटना में कम से कम 38 लोगों की मौत हो गई, जबकि 29 अन्य लोग इस हादसे में बचने में सफल रहे।
पुतिन ने जताई गहरी संवेदनाएं
क्रेमलिन की ओर से जारी बयान में बताया गया कि पुतिन ने इस दुखद हादसे पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी शोक संवेदना प्रकट करते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
हादसे की पृष्ठभूमि
यह हादसा बुधवार को हुआ, जब फ्लाइट जे2-8243 दक्षिणी रूस से उड़ान भरने के बाद कजाकिस्तान के अक्ताऊ शहर के पास क्रैश हो गया। हादसे के दौरान विमान ने ग्रोज्नी एयरपोर्ट पर लैंडिंग की कई कोशिशें कीं, लेकिन असफल रहा।
हादसे के दौरान तनावपूर्ण हालात
बयान के अनुसार, हादसे के वक्त ग्रोज्नी, मोजडोक, और व्लादिकावकाज क्षेत्रों में यूक्रेनी ड्रोन हमलों का खतरा बना हुआ था। इन हमलों को रोकने के लिए रूसी वायु रक्षा प्रणालियां सक्रिय थीं। माना जा रहा है कि इन परिस्थितियों ने हादसे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हो सकती है।
अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
पश्चिमी विशेषज्ञों और अमेरिका ने आशंका जताई है कि यह दुर्घटना रूसी वायु रक्षा प्रणाली से दागी गई मिसाइल के कारण हो सकती है। हालांकि, मास्को ने इस दावे पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
हवाई सेवाओं पर असर
हादसे के बाद से कई एयरलाइंस ने रूस के लिए अपनी उड़ान सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। तुर्कमेनिस्तान एयरलाइंस ने शनिवार को घोषणा की कि अश्काबाद और मॉस्को के बीच नियमित उड़ानें 30 दिसंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 तक के लिए स्थगित कर दी गई हैं। हालांकि, उड़ानों के रद्द होने के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं किया गया है।
आगे की जांच और निष्कर्ष
इस हादसे ने रूस और अजरबैजान के बीच हवाई यात्रा की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना के कारणों की जांच जारी है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें अब इस पर टिकी हैं कि इसके पीछे क्या तकनीकी या मानवीय चूक थी।
इस हादसे ने न केवल हवाई सुरक्षा बल्कि राजनीतिक तनाव और सैन्य गतिशीलता के बीच विमानन की चुनौतियों को उजागर किया है।