आयुर्वेद डॉक्टर की सलाह- सेब का सिरका न पिएं, इससे आपके दिल को नुकसान पहुंच सकता

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सेब का सिरका, जिसे एप्पल साइडर विनेगर के नाम से भी जाना जाता है, सेब को खमीर और चीनी के साथ किण्वित करके तैयार किया जाता है। पश्चिमी देशों में सलाद ड्रेसिंग, अचार, मैरिनेड के लिए खाना पकाने में इसका खूब इस्तेमाल होता है। यह अब हमारे देश में भी काफी मशहूर हो गया है। कई अध्ययनों में इसे स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी सेहतमंद माना गया है।

लेकिन  आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. रेखा का  कहना है कि सेब का सिरका पीना सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। चरक संहिता में इसके नुकसान भी लिखे हैं। ऐसे में अगर आप सेब के सिरके का सेवन करते हैं तो यहां जान लें कि आप अपने शरीर को किस हद तक नुकसान पहुंचा रहे हैं।

सेब के सिरके के फायदे

सेब का सिरका ब्लड शुगर को नियंत्रित करने, कोलेस्ट्रॉल को कम करने, पाचन में सुधार, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने, फ्री रेडिकल्स से बचाने और  मोटापा कम करने में कारगर माना जाता है।

आयुर्वेद में सेब के सिरके को माना जाता है खतरनाक

विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया और पश्चिमी विज्ञान में सिरके को आहार में शामिल करने के कई फायदे बताए जाते हैं, लेकिन आयुर्वेद के चरक संहिता ग्रंथ में इसके सेवन को शरीर के लिए खतरनाक बताया गया है।

शरीर विषाक्त पदार्थों से भर गया है

सेब का सिरका क्षारीय चीजों की श्रेणी में आता है। जिसकी वजह से यह बहुत गर्म, सूखा, तीखा होता है, जो शरीर में जलन और विषाक्त पदार्थों के जमाव का कारण बन सकता है। कई बार इससे क्रॉनिक बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। 

 

ये अंग क्षतिग्रस्त हो जाएंगे

विशेषज्ञों का कहना है कि चरक संहिता के अनुसार, सेब के सिरके का रोजाना सेवन करने से लीवर, हृदय, आंत, आंखें और त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है। सूत्रों के अनुसार, सेब के सिरके से अंधापन, गंजापन, नपुंसकता, हृदय रोग और बालों का सफेद होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। 

ये है सिरके का सही उपयोग

अगर आपके घर में एप्पल साइडर विनेगर है तो आप इसे सीधे पीने की बजाय सब्जियों और फलों को धोने में इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे सारे बैक्टीरिया आसानी से निकल जाते हैं।