अयोध्या नगरी दुनियां का सबसे बड़ा सांस्कृतिक केंद्र बनने जा रही हैः महापौर

अयोध्या,04 मार्च (हि.स.)। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय का 49 वां स्थापना दिवस सोमवार को धूम-धाम के साथ मनाया गया। विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानन्द सभागार में सोमवार को सांस्कृृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। वहीं विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों को सम्मानित किया गया।

वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय के 49 वर्ष पूरे होने पर विश्वविद्यालय परिवार और समस्त विद्यार्थियों को बधाई देते हुए अपने संदेश में कहा कि विश्वविद्यालय के चहुंमुखी विकास में संकल्पबद्ध होकर योगदान दें, ताकि विश्वविद्यालय की गणना सर्वोच्च शिक्षण संस्थानों में हो सके।

कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यअतिथि महापौर मंहत गिरीश पति त्रिपाठी, विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल, कुलसचिव डाॅ0 अंजनी कुमार मिश्र, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो0 नीलम पाठक, प्रो0 आशुतोष सिन्हा, प्रो0 चयन कुमार मिश्र व परीक्षा नियंत्रक उमानाथ द्वारा माॅ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन करके किया गया।

स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि महंत गिरीश पति त्रिपाठी ने कहा कि हम लोग इतिहास के उस कालखंड में है जब अयोध्या में नया इतिहास बन रहा है। इस समय डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय भी अपना इतिहास बना रहा है। उन्होंने कहा कि आज हम विश्वविद्यालय का 49वां स्थापना दिवस मना रहे हैं। इस विश्वविद्यालय ने अपनी लंबी यात्रा तय की है यहां के शिक्षा व्यवस्था, यहां की सोच, यहां की संस्कृति, यहां की सामाजिक व्यवस्था में जो विश्वविद्यालय का अनोखा योगदान है, वह अनुपम है।

कार्यक्रम में महापौर ने कहा कि हमारा नगर आध्यात्मिक धार्मिक नगरी है। लेकिन आधुनिक विचारों से उसे जोड़ने का कार्य और उसको प्रभावी ढंग से रखने का काम यदि कोई एक संस्था कर रही है तो वह डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय है। उन्होंने कहा कि अब अयोध्या वह अयोध्या नहीं रही है। अयोध्या सबसे बड़ा सांस्कृतिक केंद्र बनने जा रही है। सांस्कृतिक केंद्र सिर्फ मंदिर से नहीं बनेगी। बल्कि इस शिक्षा के मन्दिर से बहुत से शोध, बहुत से विद्वान बहुत से विचार बहुत से इतिहास इस चारदीवारी से निकलेंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में विश्वविद्यालय को इस बात के लिए तैयार होना चाहिए कि उसकी बहुत बड़ी सांस्कृतिक भूमिका होगी क्योंकि इस विश्वविद्यालय से निकले विचार केवल अयोध्या तक ही नहीं रहेंगे। बल्कि आपके विचार पूरी दुनिया के लिए होंगे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल ने विश्वविद्यालय के 49वें स्थापना दिवस पर समस्त को बधाई देते हुए कहा कि 04 मार्च, 1975 को विश्वविद्यालय की स्थापना हुई। आज एक बहुत बड़ा बट वृक्ष बन गया है। हम सभी को ज्ञान के इस मन्दिर में छाया प्रदान करने के साथ निरंतर ज्ञान की मशाल हाथ में लिए अज्ञानता के अंधकार को दूर करने का कार्य कर रहा है। कुलपति ने कहा कि शिक्षा का बहुत बड़ा योगदान होता है। शिक्षा ही सत्य, विवेक और विवेक में अंतर बताती है। यह काम हमारा विश्वविद्यालय बखूबी कर रहा है।

कार्यक्रम में कुलपति प्रो0 गोयल ने कहा कि विश्वविद्यालय की कुलाधिपति के मार्गदर्शन में हम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री, प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री, राज्य शिक्षा मंत्री सहित सभी का समय पर मार्गदर्शन मिलने की वजह से हम निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है।

कुलपति ने कहा कि इस विश्वविद्यालय में 700 से अधिक कॉलेज सम्बद्ध है। 7 लाख विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। कैंपस में आर्ट्स, साइंस, इंजीनियरिंग आदि में शिक्षा दी जा रही है। 7000 विद्यार्थी इस कैंपस में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस विश्वविद्यालय में 7 लाख विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं वह विश्वविद्यालय शिक्षा के प्रचार प्रसार में कितना महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा होगा।

विश्वविद्यालय ने अयोध्या के सातवें दीपोत्सव में 21 लाख से अधिक दीप प्रज्ज्वलित कर छठी बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज किया है। कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय की एक रिसर्च पॉलिसी बनाई है। इस पॉलिसी में हर एक रिसर्च करने वाले को, हर एक रिसर्च पेपर पब्लिश करने वाले को और हर एक रिसर्च प्रोजेक्ट लाने वाले को पुरस्कृत करने के साथ बेस्ट रिसर्चर का अवार्ड भी दिया जायेगा।

कुलपति प्रो0 गोयल ने कहा कि नेट पास करके जो पीएचडी में प्रवेश लिए हैं उनके लिए भी स्कॉलरशिप का प्रावधान किया जा रहा है। विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा कंटेंट कंसल्टेंसी पॉलिसी बनाई है। जिससे ज्यादा से कंसल्टेंसी प्रोजेक्ट आ सके और विश्वविद्यालय का नाम चारों ओर फैल सके। विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के सहयोग से हर्बल गार्डेन, कम्पोस्ट प्लांट एवं मशरूम यूनिट शुरू की गई है।

सांस्कृतिक कार्यकम से पहले मुख्य अतिथि मंहत गिरीश पति त्रिपाठी एवं कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल द्वारा शिक्षकों एवं कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। शिक्षकों में प्रो0 आरके तिवारी, प्रो0 एमपी सिंह, प्रो0 एनके तिवारी, आरके सिंह व कर्मचारियों में फहीम अंशारी, दिनेश लाल श्रीवास्तव, कैलाश चन्द्र श्रीवास्तव, अनार कली, सुरेन्द्र श्रीवास्तव को अंगवस्त्रम एवं स्मृति चिन्ह भेटकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन अनामिका व मिनाक्षी द्वारा किया गया। इस आयोजन को सम्पन्न कराने में आशीष मिश्र, इंजीनियर शाम्भवी शुक्ला, डाॅ0 महेन्द्र पाल सिंह, डाॅ0 दिनेश कुमार सिंह, प्रवीण कुमार मिश्र को विशेष योगदान दिया गया। इस अवसर पर मुख्य नियंता प्रो0 एसएस मिश्रा, प्रो0 हिमांशु शेखर सिंह, प्रो0 आशुतोष सिन्हा, प्रो0 राजीव गौड़, प्रो0 चयन कुमार मिश्र, प्रो0 एसके रायजादा, प्रो0 शैलेन्द्र कुमार, प्रो0 प्रो0 विनोद कुमार श्रीवास्तव, प्रो0 शैलेन्द्र कुमार वर्मा, प्रो0 गंगा राम मिश्र, प्रो0 फरूऱ्ख जमाल, प्रो0 अनूप कुमार, प्रो0 के0के0 वर्मा, डाॅ0 सुरेन्द्र मिश्र, डाॅ0 अवध नारायण, डाॅ0 अनिल कुमार, संजय चैधरी उपकुलसचिव डाॅ0 रीमा श्रीवास्तव, दिनेश कुमार मौर्य सहित बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रही।