कांके और ओरमांझी के गांवों में पर्यावरण दिवस पर जागरुकता कार्यक्रम

रांची, 03 जून (हि.स.)। कांके और ओरमांझी प्रखंड के अंतर्गत विभिन्न गांवों में पिरामल फाउंडेशन ने पर्यावरण दिवस पर सोमवार को जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन किया। जलशक्ति मंत्रालय के साथ सहयोग करते हुए पीरामल फाउंडेशन की स्कूल ऑफ क्लाइमेट एंड सस्टेनेबिलिटी टीम का लक्ष्य इन गांवों में पानी के उपयोग का संरक्षण और अनुकूलन करना है।

सीनियर प्रोग्राम मैनेजर विजेश चौधरी और प्रोग्राम लीडर कृति रानी के नेतृत्व में गांधी फेलो विकास कुमार, सुजॉय दास, प्रियंका यादव, प्रज्ञा गार्गी और आदर्श जैन ने ओखरगरा, पतगाई, बारूह, ओयना, सदमा, सांती, बालू, तेनडर, खटनगा, चामा, बत्ता कंडू और मदनपुर, पित्थौरिया, सत्कनाडू, केल्ह्याकनाडू, चामा आदि गांवों में इन कार्यक्रमों का संचालन किया।

कार्यक्रम में बताया गया कि पर्यावरण दिवस हर साल पांच जून को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य पर्यावरण के प्रति वैश्विक जागरुकता बढ़ाना और पर्यावरणीय मुद्दों के समाधान के लिए सामूहिक प्रयासों को प्रोत्साहित करना है। पर्यावरण दिवस हमें यह याद दिलाता है कि पृथ्वी और उसके संसाधनों का संरक्षण करना हमारी जिम्मेदारी है। यह दिन हमें अपने पर्यावरण के प्रति सचेत रहने और उसके संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने के लिए प्रेरित करता है। यदि हम सभी मिलकर प्रयास करें, तो हम अपने पर्यावरण को संरक्षित कर सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण प्रदान कर सकते हैं।

कृति रानी ने बताया कि एक से तीन तारीख तक विभिन्न गांवों में 18 कार्यक्रम आयोजित किए गए। आयोजनों में 48 आकर्षक गतिविधियां शामिल थीं। इनमें प्लास्टिक की बोतलों से पक्षियों के लिए फीडर बनाना, मिट्टी परीक्षण, बहस, पर्यावरण चित्र, रैलियां, शपथ, मेहंदी प्रतियोगिता, अनुपयोगी सामग्री से उपयोगी सामग्री बनाना, साइकिल रेस, बंजर जमीन की मेढबंद्दी और पौधे लगाने के बारे में जागरुकता बढ़ाना शामिल था। इन गतिविधियों के माध्यम से 700 से अधिक महिलाओं, 300 से अधिक बच्चों और 200 पुरुषों को पर्यावरण संरक्षण और जागरुकता के बारे में शिक्षित किया गया।