मोहाली: पंजाब के शिक्षा विभाग ने एक अहम फैसला लेते हुए राज्य और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों की सेवा अवधि में बढ़ोतरी के दौरान विशेष पदोन्नति का लाभ खत्म कर दिया है. नए आदेश के मुताबिक जिन शिक्षकों को सराहनीय सेवा के आधार पर सालाना प्रमोशन मिलता था, उन्हें अब प्रमोशन नहीं मिलेगा.
शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि 58 वर्ष की आयु पूरी करने पर प्रांतीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों को 1 वर्ष और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों को 2 वर्ष की सेवा मिलेगी। इस अवधि में उन्हें प्रमोशन और आगे अपग्रेडेशन का कोई लाभ नहीं दिया जाएगा. सेवा में वृद्धि पाने वाले शिक्षकों को अंतिम वेतनमान के आधार पर ही काम करना होगा. फैसले में कहा गया है कि इस नियुक्ति को पुनर्नियुक्ति माना जाएगा. इस सेवा विस्तार कॉल के लिए आवेदन करते समय शिक्षकों को एक स्व-घोषणा पत्र देना होगा, जिसमें वे इस निर्णय को स्वीकार करने के लिए सहमत होंगे।
2018 में सेवा अवधि विस्तार की मांग
यह मामला 2018 से चर्चा में है जब राज्य/राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों के संघ ने सर्विस कॉल में बढ़ोतरी की मांग की थी. सरकार ने वित्त विभाग की सहमति से 1989 के निर्देशों को लागू करने का निर्णय लिया, जिसके तहत सभी राज्य और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों की सेवा अवधि को 1 या 2 वर्ष तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया। अब नए फैसले से अगर किसी निर्देश के चलते राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता कर्मचारियों को सालाना प्रमोशन का लाभ मिल रहा था तो उसे तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है.
शिक्षा विभाग में राज्य एवं राष्ट्रीय/पुरस्कृत शिक्षकों को वेतन वृद्धि संबंधी आदेश 9 अक्टूबर 1989 को लागू किया गया था। इन आदेशों के अनुसार राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को 58 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर 01 वर्ष के लिए पुनः नियुक्ति दी गई। इसी प्रकार राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ होने के आधार पर 2 वर्ष का एक्सटेंशन दिया गया है। ये निर्देश 10 जुलाई 2018 को नए निर्देश जारी होने तक लागू रहे. इसके बाद विभाग ने 25 अप्रैल 2020 को एक पत्र जारी कर 31 मार्च 2022 से इन शिक्षकों को दी जाने वाली वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी.