पटना, 26 नवम्बर (हि.स.)। एवीपीएल इंटरनेशनल बिहार के औद्योगिक क्षेत्र बिहटा में ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग इकाई स्थापित करेगी। इससे न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि प्रतिवर्ष 24,000 ड्रोन बनाकर ये यूनिट 11 राज्यों में सीधे तौर पर 10,000 युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने के अवसर प्रदान करेगी।
बिहार के औद्योगिक क्षेत्र बिहटा में एवीपीएल इंटरनेशनल द्वारा लगभग 16,000 वर्ग फीट के क्षेत्र में फैले इलाक़े में ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को स्थापित करेगीा। इस प्रोजेक्ट की शुरुआती दौर में लगभग 15 करोड़ रुपये का निवेश किया जायेगा। इसके बाद जैसे-जैसे ड्रोन की मांग बढती जाएगी, इस यूनिट में निवेश को बढ़ाया जाता रहेगा ।
इस बारे में एवीपीएल इंटरनेशनल की संस्थापक और प्रबंध निदेशक प्रीत संधू ने बताया कि यह परियोजना सिर्फ एक ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट नहीं है, बल्कि यह बिहार के स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने, क्षमता निर्माण और ड्रोन उद्यमिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इस एवीपीएल ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से तैयार किये गए ड्रोन कृषि प्रथाओं को सुधारने में मदद करेंगे, जिससे सटीक कृषि तकनीकों का उपयोग कर फसल प्रबंधन को अनुकूलित किया जा सकेगा, उपज में वृद्धि होगी और लागत में कमी आएगी।
एवीपीएल ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से न केवल बिहार बल्कि पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड और त्रिपुरा जैसे राज्यों के लिए को ड्रोन तकनीकी का लाभ मिलेग, जहां तकनीकी समाधान कृषि उत्पादकता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा सकते हैं।
बिहार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव, अभय कुमार सिंह ने भी हाल ही में इस क्षेत्र में कई कंपनियों की ओर से निवेश में रुचि दिखाए जाने का उल्लेख किया है। उन्होंने बताया कि बिहार आईटी क्षेत्र विकास को लेकर राज्य सरकार 1,000 करोड़ से अधिक के निवेश की उम्मीद कर रही है जबकि अब तक 650 करोड़ रुपये का निवेश आईटी क्षेत्र में प्राप्त हो चुका है, जिसमें ड्रोन इंडस्ट्री भी अपनी रूचि बिहार के आईटी क्षेत्र में दिखा रही है। इस निवेश से बिहार व आसपास के क्षेत्रों में 70 प्रतिशत तक रोजगार में वृद्धि हो सकती है, जिसमें 40 प्रतिशत सीधी और 30 प्रतिशत अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा।