राजभवन घेराव करने जा रहे सहायक पुलिसकर्मियों को मोरहाबादी में रोका

रांची, 04 जुलाई (हि.स.)। राजभवन घेराव करने जा रहे सहायक पुलिसकर्मियों को पुलिस ने मोरहाबादी मैदान में ही रोक दिया। अपनी मांगों के समर्थन में सहायक पुलिसकर्मी लगातार मोरहाबादी मैदान में आंदोलन कर रहे हैं। तय कार्यक्रम के तहत गुरुवार को मोरहाबादी मैदान से राजभवन घेराव के लिए निकले थे। इसके बाद सभी सहायक पुलिसकर्मी सड़क पर ही बैठ गए। सिटी डीएसपी के नेतृत्व में भारी संख्या में पुलिस मोरहाबादी मैदान में तैनात हैं और सहायक पुलिसकर्मियों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं।

2300 सहायक पुलिसकर्मियों ने विभिन्न मांगों को लेकर गत दो जुलाई से मोरहाबादी मैदान स्टेज के समीप अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया था। आंदोलन के पहले दो दिनों तक सहायक पुलिसकर्मियों ने काला बिल्ला लगा कर विरोध किया। इसके बाद एक जुलाई को जिला के सहायक पुलिसकर्मी सामूहिक अवकाश पर रहे। फिर दो जुलाई से अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। चार जुलाई को राजभवन का घेराव करना था।

झारखंड सहायक पुलिस प्रदेश एसोसिएशन के सचिव विवेकानंद गुप्ता ने बताया कि 10 अगस्त को उनका अनुबंध समाप्त हो जायेगा। इसके बाद उनका अनुबंध रिनुवल होगा या नहीं, यह भी क्लियर नहीं है। सहायक पुलिसकर्मियों ने मानदेय बढ़ाने के लिए वर्ष 2020 और वर्ष 2021 में आंदोलन किया। उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन भी दिया गया लेकिन चार साल बीतने के बाद भी उनकी मांगें पूरी नहीं हुई है। इससे सहायक पुलिसकर्मियों में आक्रोश है। पिछले आंदोलन के दौरान मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि ने उन्हें आश्वासन ही नहीं, मांग पूरी करने के लिए शपथ पत्र पर हस्ताक्षर भी किया था।

झारखंड सहायक पुलिस प्रदेश एसोसिएशन के अध्यक्ष अविनाश द्विवेदी ने कहा कि 2300 सहायक पुलिसकर्मी पिछले सात साल से मात्र 10 हजार रुपये के मानदेय पर नौकरी कर रहे हैं। इनमें कई सहायक पुलिसकर्मियों की दूसरी जगह पर नौकरी करने की उम्र भी समाप्त हो गयी है।

उल्लेखनीय है कि नक्सलियों के संबंध में सूचना देने के लिए सहायक पुलिसकर्मियों की बहाली की गयी थी लेकिन उनसे पुलिस का सारा काम जैसे विधि-व्यवस्था, ट्रैफिक, थाना ड्यूटी, चुनाव ड्यूटी आदि में लगाया जाने लगा। सहायक पुलिसकर्मियों की बहाली राज्य के 12 जिला गढ़वा, पलामू, लातेहार, चतरा, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, खूंटी, पूर्वी व पश्चिमी सिंहभूम, दुमका एवं गिरिडीह में हुई थी। वर्तमान में हर जिला में सहायक पुलिसकर्मी कार्यरत हैं।