महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र पर सियासी घमासान, हिंसा और बयानबाजी का दौर

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महाराष्ट्र में मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को लेकर इन दिनों सियासी बवाल मचा हुआ है। हाल ही में नागपुर में औरंगजेब की कब्र हटाने के विवाद को लेकर दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प, तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुईं। इस हिंसक घटना ने न केवल राज्य में बल्कि देशभर में इस मुद्दे को फिर से गरम कर दिया है। बजरंग दल और अन्य कई संगठनों ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किए थे, जिसके बाद यह स्थिति बिगड़ी और स्थिति हिंसक हो गई।

उद्धव ठाकरे का तंज: “300 साल पुरानी कब्र पर राजनीति किस काम की?”

मामले ने राजनीतिक रूप से भी बड़ा रूप ले लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (UBT) चीफ उद्धव ठाकरे ने इस मुद्दे पर तंज करते हुए कहा, “जो 300 साल पहले मर चुका है, उस पर ऐसी राजनीति किस काम की?” उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि अगर भाजपा सरकार सच में औरंगजेब की कब्र हटाना चाहती है, तो इसे जरूर हटाए, लेकिन इस समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को जरूर बुला लें। ठाकरे ने यह टिप्पणी भाजपा के उन दोनों सहयोगियों पर की, जो मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति करते रहे हैं, लेकिन इस विवाद पर चुप्पी साधे हुए हैं।

औरंगजेब का इतिहास: गुजरात में जन्मा, महाराष्ट्र में मरा

उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर एक और प्रहार करते हुए औरंगजेब के इतिहास को खंगाला। उन्होंने कहा कि औरंगजेब का जन्म गुजरात के दाहोद में हुआ था, और वह 1707 में महाराष्ट्र के भिंगर के पास मरा था। ठाकरे ने कहा, “औरंगजेब महाराष्ट्र को जीतने आया था, लेकिन वह महाराष्ट्र की मिट्टी का एक दाना भी नहीं जीत सका, लेकिन महाराष्ट्र ने उसे मुट्ठी भर मिट्टी दी।” इस बयान से ठाकरे ने यह स्पष्ट किया कि वह शिव प्रेमियों की ओर से औरंगजेब के प्रति कोई समर्थन नहीं दिखाएंगे।

केंद्र सरकार पर हमला: “कौन है औरंगजेब?”

ठाकरे ने भाजपा और केंद्र सरकार पर सवाल उठाया, “अगर केंद्र सरकार औरंगजेब की कब्र की रक्षा कर रही है, तो मैं पूछता हूं, आपका औरंगजेब कौन है?” उन्होंने इस बयान के जरिए केंद्र सरकार की नीति पर सवाल उठाया और यह भी पूछा कि क्या “डबल इंजन” की सरकार केवल बातें करने के अलावा कुछ और कर रही है?

आदित्य ठाकरे का आरोप: भाजपा महाराष्ट्र को मणिपुर बनाना चाहती है

उद्धव ठाकरे के बेटे और शिवसेना के नेता आदित्य ठाकरे ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वे राज्य सरकार की विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए औरंगजेब की कब्र के विवाद को तूल दे रहे हैं। आदित्य ने भाजपा पर “महाराष्ट्र को मणिपुर बनाने” की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “दुख की बात है कि जब भाजपा शासन नहीं कर पाती, तो वे हिंसा और दंगों का सहारा लेती है। आप मणिपुर को देखिए… वे महाराष्ट्र को बिल्कुल वैसा ही बनाना चाहते हैं। वे 300 साल से भी पहले जीने वाले किसी व्यक्ति का इतिहास खोदने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे भविष्य और वर्तमान के बारे में नहीं बोलते।”

राजनीतिक विवाद के अलावा सियासी माहौल भी गर्माया

इस पूरे विवाद ने केवल सियासी बयानबाजी ही नहीं, बल्कि राज्य में सांप्रदायिक तनाव भी पैदा कर दिया है। औरंगजेब की कब्र को लेकर हो रही राजनीति ने इस मुद्दे को महाराष्ट्र की आंतरिक राजनीति से लेकर देशभर में साम्प्रदायिक सौहार्द को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।