महीने के आखिर में जेब खाली? ये 5 आदतें डाल लीजिए, कम सैलरी में भी नहीं होगी पैसों की तंगी
News India Live, Digital Desk: तनख्वाह आती है और कब खत्म हो जाती है, पता ही नहीं चलता!"... यह कहानी लगभग हम सभी की है। महीने की शुरुआत में हम अमीर महसूस करते हैं और 15-20 तारीख आते-आते हमारी जेब खाली होने लगती है। हमें लगता है कि हमारी सैलरी ही कम है, इसलिए हम बचत नहीं कर पाते। लेकिन सच्चाई यह है कि बचत का संबंध आपकी कमाई से ज़्यादा आपकी आदतों से होता है।
अगर आप भी पैसों की तंगी से परेशान हैं और अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारना चाहते हैं, तो आपको किसी जादू की नहीं, बल्कि कुछ 'सुनहरे नियमों' को अपनी ज़िंदगी में शामिल करने की ज़रूरत है।
1. अपनी 'पैसे की डायरी' बनाएँ (Make a Budget)
यह सबसे पहला और सबसे ज़रूरी कदम है। बजट बनाने का मतलब खुद को बांधना नहीं, बल्कि यह समझना है कि आपका पैसा आ कहाँ से रहा है और जा कहाँ रहा है।
- क्या करें? महीने की शुरुआत में एक डायरी या अपने फोन के नोट्स में लिखें कि आपकी कुल कमाई कितनी है और आपके ज़रूरी खर्चे (जैसे- किराया, राशन, बिल, EMI) कितने हैं। इससे आपको साफ़-साफ़ दिखेगा कि आपके पास खर्च करने के लिए असल में कितना पैसा बचता है। यह आदत आपको अपने पैसों का कंट्रोल अपने हाथ में देती है।
2. 'ज़रूरत' और 'शौक' का फ़र्क समझें (Control Unnecessary Expenses)
हम अक्सर अपनी 'चाहतों' को 'ज़रूरतें' समझकर पैसा खर्च कर देते हैं। बाहर का महंगा खाना, रोज़-रोज़ की शॉपिंग या ऐसे OTT सब्सक्रिप्शन जिनका आप इस्तेमाल भी नहीं करते, ये सब फ़िज़ूलखर्ची है।
- क्या करें? अगली बार कुछ भी खरीदने से पहले खुद से सिर्फ़ एक सवाल पूछें - "क्या मुझे इसकी वाक़ई ज़रूरत है, या मैं इसके बिना भी काम चला सकता हूँ?" यकीन मानिए, 10 में से 5 बार आपका जवाब 'नहीं' होगा और आपके पैसे बच जाएँगे।
3. ख़ुद को 'पहली सैलरी' दें (Automate Your Savings)
अक्सर हम सोचते हैं कि महीने के अंत में जो बचेगा, उसे सेव कर लेंगे। लेकिन सच तो यह है कि अंत में कुछ बचता ही नहीं है। इसका सबसे अच्छा तरीका है नियम को उलटा कर देना - "पहले बचाओ, फिर खर्च करो।"
- क्या करें? जैसे ही आपकी सैलरी आए, उसका एक छोटा सा हिस्सा (शुरुआत में 5-10% भी चलेगा) तुरंत किसी दूसरे सेविंग अकाउंट, RD (रिकरिंग डिपॉजिट) या SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) में डाल दें। इसे 'ऑटो-डेबिट' पर लगा दें, ताकि आपको यह करना भी न पड़े। यह ऐसा है जैसे आप हर महीने ख़ुद को पहली सैलरी दे रहे हैं।
4. कमाई का एक और नल खोलें (Increase Your Income)
सिर्फ़ खर्च कम करना काफ़ी नहीं है। अगर आप अपनी आर्थिक स्थिति को तेज़ी से सुधारना चाहते हैं, तो कमाई बढ़ाने के बारे में भी सोचना होगा।
- क्या करें? अपनी नौकरी के बाद बचे हुए समय में अपनी किसी हॉबी या स्किल का इस्तेमाल करें। आप फ्रीलांस राइटिंग, डिजाइनिंग, ट्यूशन पढ़ाना या ऑनलाइन कोई छोटा-मोटा काम करके भी हर महीने कुछ अतिरिक्त कमाई कर सकते हैं। यह अतिरिक्त पैसा सीधा आपकी बचत और निवेश में जा सकता है।
5. पैसे को 'काम पर' लगाएँ (Invest Your Money)
सिर्फ़ बैंक अकाउंट में पैसा बचाकर रखना समझदारी नहीं है, क्योंकि महंगाई धीरे-धीरे आपके पैसे की क़ीमत कम कर देती है। इसलिए, पैसे को बचाने के साथ-साथ उसे बढ़ाना भी सीखें।
- क्या करें? अपनी बचत का एक छोटा सा हिस्सा निवेश करें। शुरुआत करने के लिए म्यूच्यूअल फंड्स, गोल्ड बॉन्ड्स या PPF जैसी सुरक्षित जगहें अच्छी हो सकती हैं। आज टेक्नोलॉजी के ज़माने में 100 रुपये से भी निवेश शुरू किया जा सकता है। थोड़ा-थोड़ा निवेश करके आप लंबे समय में एक बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं।
इन नियमों को अपनाना शुरुआत में मुश्किल लग सकता है, लेकिन धीरे-धीरे जब यह आपकी आदत बन जाएगा, तो आप देखेंगे कि कम सैलरी होने के बावजूद आप न सिर्फ़ अच्छी बचत कर पा रहे हैं, बल्कि आर्थिक रूप से पहले से कहीं ज़्यादा मज़बूत और सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
--Advertisement--