असम के दीमा हसाओ जिले में बाढ़ग्रस्त रैट-होल कोयला खदान में फंसे नौ खनिकों में से एक और का शव शनिवार, 11 जनवरी 2025, को बरामद किया गया। यह शव सेना और नौसेना के एक संयुक्त बचाव अभियान के दौरान निकाला गया।
दूसरे खनिक का शव बरामद
सुबह 7:36 बजे, खदान से लेफ्टिनेंट लिजेन मगर का शव बरामद किया गया। मगर नेपाल के रहने वाले थे। इससे पहले, 8 जनवरी को एक अन्य खनिक का शव निकाला गया था।
अब तक नौ खनिकों में से दो के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि शेष सात की तलाश जारी है।
खदान के जलस्तर में गिरावट
रैट-होल कोयला खदान का जलस्तर शुक्रवार को सात मीटर तक कम हो गया। जिला प्रशासन ने बताया कि यह कमी खदान के 500 मीटर के भीतर मौजूद तीन परित्यक्त खदानों से पानी निकालने की प्रक्रिया के कारण संभव हुई।
- दीमा हसाओ के जिला मजिस्ट्रेट सिमंत कुमार दास ने कहा कि इन तीन खदानों से जुड़े संकरी सुरंगों के नेटवर्क के कारण पानी के स्तर में गिरावट आई है।
- इन खदानों को 2014 में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) द्वारा रैट-होल खनन पर प्रतिबंध लगाए जाने से पहले ही बंद कर दिया गया था।
पुलिस कार्रवाई
पुलिस ने खदान से लगभग तीन किलोमीटर दूर एक बस्ती में खनन कार्यों के वित्तपोषक को हिरासत में लिया है।
- यह खदान कलामती से 15 किलोमीटर और औद्योगिक शहर उमरंगसो से 30 किलोमीटर दूर स्थित है।
- उमरंगसो में एक सीमेंट प्लांट और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी की जलविद्युत परियोजना मौजूद है।
क्या है रैट-होल खनन?
रैट-होल खनन में संकरी सुरंगों के जरिए कोयला निकाला जाता है।
- यह खनन विधि अवैध और खतरनाक मानी जाती है।
- अप्रैल 2014 में, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने पर्यावरणीय क्षति और जोखिम के चलते इस पर प्रतिबंध लगा दिया था।
बचाव अभियान की चुनौती
- खदान का जटिल सुरंग नेटवर्क और जलभराव बचाव कार्य में बाधा बन रहा है।
- हालांकि, प्रशासन और बचाव दल ने बाकी खनिकों को सुरक्षित बाहर निकालने का आश्वासन दिया है।