कार्तिकेय मंदिर संभल में: उत्तर प्रदेश के संभल में मंदिर बनवाने का मामला गरमा गया है। उस समय, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने यहां के मंदिर की कार्बन डेटिंग की थी, एएलआई ने संभल के प्राचीन कार्तिकेय मंदिर की गुप्त रूप से कार्बन डेटिंग की थी। इस प्रक्रिया के लिए चार सदस्यीय विशेषज्ञ टीम तैनात की गई थी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने पांच तीर्थस्थलों और 19 प्राचीन कुओं का भी निरीक्षण किया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एएलआई टीम ने संभल क्षेत्र में मौजूद 19 प्राचीन कुओं और ऐतिहासिक स्थलों की स्थिति का भी गहन अध्ययन किया। संभल अपने प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है।
संभल के डीएम ने क्या कहा?
संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने कहा, ‘मंदिर का सर्वेक्षण सुरक्षित रूप से पूरा कर लिया गया है. संभल के प्राचीन कार्तिकेय मंदिर की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने गुपचुप तरीके से कार्बन डेटिंग कराई थी। सुरक्षा कारणों से इस प्रक्रिया को मीडिया कवरेज से दूर रखा गया था। चार सदस्यीय एएलआई टीम ने प्रशासन को जांच गोपनीय रखने के निर्देश दिए।
मंदिर 46 साल से बंद था
संभल में हिंसा के बाद आवारा तत्वों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया गया. तभी बिजली चोरी का मामला सामने आया. 14 दिसंबर को दीपा राय इलाके में जांच के दौरान पुलिस को अचानक एक मंदिर मिला. जो साल 1978 का बताया जा रहा है. यह मंदिर 46 साल से बंद था। जो सपा सांसद के घर से 200 मीटर की दूरी पर था. 15 दिसंबर को मंदिर खोला गया और वहां पूजा-अर्चना की गई. तभी कुएं का पता चला और इसकी खुदाई की गई। इसी बीच संभल के दूसरे इलाके सरायतरीन में भी एक मंदिर मिला.