जब तक पीएम मोदी इजाजत देंगे, जानिए किस पार्टी का नेता बन सकता है लोकसभा स्पीकर

अगला लोकसभा अध्यक्ष कौन होगा: लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद केंद्र में एनडीए सरकार बन गई है। नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली है. 72 मंत्रियों ने भी शपथ लेकर अपने मंत्रालय का कार्यभार संभाल लिया है. अब इस बात की चर्चा जोरों पर है कि लोकसभा अध्यक्ष कौन बनेगा.

नरेंद्र मोदी के पहले दो कार्यकाल में बीजेपी के पास बहुमत था. ऐसे में लोकसभा में स्पीकर पद को लेकर कोई दिक्कत नहीं थी, लेकिन इस बार सदन में बीजेपी के पास बहुमत नहीं होने के कारण एनडीए में शामिल पार्टियां भी स्पीकर पद के लिए दावेदारी कर रही हैं.

बीजेपी की सहयोगी तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) दोनों ने बीजेपी से इस पद की मांग की है. हालांकि, बीजेपी यह पद किसी को देने को तैयार नहीं है. हालाँकि, इन सभी अटकलों पर विराम लग गया है। तो किस पार्टी को मिलेगा लोकसभा अध्यक्ष का पद आइए जानते हैं…

18वीं लोकसभा का पहला सत्र कब शुरू होगा?

नई सरकार के संसदीय मंत्री किरण रिजिजू ने संसद सत्र की तारीखों की घोषणा करते हुए कहा, ‘नवनिर्वाचित सांसदों के शपथ ग्रहण समारोह, चुनाव के लिए 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से 3 जुलाई तक चलेगा. अध्यक्ष, राष्ट्रपति का भाषण और उस पर बहस।’ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 27 जून को लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगी. उसी दिन पीएम मोदी दोनों सदनों में अपनी कैबिनेट का परिचय देंगे.

लोकसभा का अध्यक्ष कौन बन सकता है?

सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा अध्यक्ष का पद बीजेपी अपने पास रखेगी. दूसरे शब्दों में कहें तो 18वीं लोकसभा में भी बीजेपी का ही कोई सांसद स्पीकर चुना जाएगा.

किसने मांगा चेयरमैन पद?

बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने मीडिया में आई खबरों का खंडन करते हुए कहा, ‘किसी भी सहयोगी दल ने लोकसभा अध्यक्ष पद की मांग नहीं की है. बीजेपी किसी भी दावेदार पर पहले पार्टी चर्चा के जरिए फैसला लेगी और उसके बाद एनडीए सहयोगियों से सलाह-मशविरा कर आम सहमति से अंतिम फैसला लेगी.’

मोदी के विदेश दौरे के बाद लिया जाएगा फैसला

प्रधानमंत्री मोदी जी-7 बैठक में शामिल होने के लिए इटली जा रहे हैं. उनके लौटने के बाद लोकसभा अध्यक्ष के नाम पर चर्चा होगी. बीजेपी पहले पार्टी स्तर पर और एनडीए के सहयोगियों से चर्चा करेगी. किसी भी सहयोगी दल की ओर से कोई सुझाव या मांग आने पर बीजेपी नये फॉर्मूले पर विचार करेगी.                 

कहां फंस गई बीजेपी?

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में इंदौर से बीजेपी सांसद सुमित्रा महाजन और दूसरे कार्यकाल में राजस्थान के कोटा से सांसद ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया था. इन दोनों कार्यकालों के दौरान सदन में भाजपा के पास बहुमत था। लेकिन इस बार तीसरे कार्यकाल में बीजेपी के पास बहुमत नहीं है. ऐसे में माना जा रहा है कि टीडीपी और जेडीयू अध्यक्ष पद की मांग कर रही है, लेकिन बीजेपी इसे देने को तैयार नहीं है.

क्या है बीजेपी का प्लान?

24 जून से शुरू होने वाले लोकसभा सत्र के दौरान स्पीकर इस पद के लिए अपनी पार्टी के सांसद के नाम पर विपक्षी दलों से चर्चा कर सकते हैं. ताकि सदन में सर्वसम्मति से अध्यक्ष का चुनाव हो सके और उसके लिए कोई चुनाव न करना पड़े. अगर विपक्ष अपना कोई उम्मीदवार घोषित करता है तो लोकसभा अध्यक्ष चुनाव के लिए मतदान 26 जून को हो सकता है.