आर्यन को नहीं थी पहले से कोई बीमारी, माता- पिता ने किया खुलासा

रामगढ़, 04 मई (हि.स.) । राधा गोविंद सीनियर सेकेंडरी पब्लिक स्कूल में पांचवी कक्षा के छात्र आर्यन की मौत एक बड़ा सवाल खड़ा कर गई है। सबसे बड़ी बात यह है कि हॉस्टल में रहने वाले छात्र कितने महफूज हैं? और विद्यालय प्रबंधन कितना सजग है? यह कहना अब बेहद मुश्किल हो गया है। बच्चे बीमार हैं उसके बावजूद हॉस्टल में है। उसकी कोई सूचना ना तो अभिभावकों तक पहुंच रही है, और ना ही उसका कोई इलाज चल रहा है। अचानक बच्चे खेल के मैदान में पहुंचते हैं और उनकी मौत हो जाती है। फिर स्कूल प्रबंधन के द्वारा बच्चे का मेडिकल हिस्ट्री सामने लाया जाता है। यह पूरा मामला एक बड़ी साजिश की तरफ इशारा कर रहा है। बीमार बच्चों को हॉस्टल में रखना उचित नहीं है। इसके अलावा अगर बच्चे की मेडिकल हिस्ट्री है तो उसके बाद भी उसे मॉर्निंग वॉक, एक्सरसाइज और काउंटिंग जैसे सेशन में शामिल किया जा रहा है, यह भी बेहद चिंता का विषय है।

विद्यालय प्रबंधन की बातों पर मृत छात्र के पिता ने उठाए सवाल

इस पूरे प्रकरण पर बच्चे का अंतिम संस्कार कर घर लौटे पिता नेहरू गंझू ने बेहद चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने कहा है कि उनका बच्चा पिछले दो वर्षों से राधा गोविंद स्कूल में पढ़ रहा था। इस दौरान ना तो कोई बीमारी की खबर आई और ना ही ऐसी कोई शिकायत मिली। अचानक उनके बच्चे के गंभीर होने की खबर फोन पर दी जाती है। यह खबर उनके लिए बेहद चौंकाने वाला था। जब वह स्कूल की तरफ बढ़े तो उन्हें लगातार अस्पतालों के नाम बताए गए। जब वह अस्पताल पहुंचे तो उन्हें बेटे की लाश मिली।

उन्होंने कहा कि अगर किसी बच्चे की तबीयत खराब थी, तो स्कूल प्रबंधन के द्वारा उसे किसी भी काउंटिंग सेशन में शामिल नहीं किया जाना चाहिए था। अगर उसे जबरन हॉस्टल से नीचे उतारकर मैदान में लाया जा रहा है तो यह एक गंभीर मसला है। उन्होंने कहा कि मीडिया में कई बातें स्कूल प्रबंधन के द्वारा कही गई है जो झूठी है। उन्होंने कहा कि अगर बच्चे की तबीयत ठीक नहीं थी या उसका कोई इलाज चल रहा था तो उसकी कोई जानकारी अभिभावक को नहीं दी गई। विद्यालय प्रबंधन इस मुद्दे पर गंभीर नहीं दिखा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की गाइडलाइन के बावजूद उन्हें ना तो छुट्टी की खबर मिली और ना ही बच्चे को ले जाने के लिए कोई मैसेज किया गया।

ऑनलाइन क्लास के नाम पर रोके गए थे बच्चे

मृत छात्र आर्यन की मां डौली देवी ने स्कूल प्रबंधन के हर उसे दावे को नकारा जिसमें यह कहा गया था कि आर्यन को क्रॉनिकल डिजीज था। उन्होंने कहा कि उनका बच्चा पूरी से स्वस्थ था। उन्होंने अपने दोनों बच्चों का एडमिशन राधा गोविंद पब्लिक स्कूल में कराया था। आज जब उनके बच्चे के साथ हादसा हुआ है तो विद्यालय प्रबंधन अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहा है। उन्होंने कहा कि जब भी स्कूल में छुट्टी होती थी तो बच्चे फोन कर घर में बताते थे कि उनकी छुट्टी हो गई है और अभिभावक जल्दी आकर उन्हें ले जाएं। लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। विद्यालय प्रबंध कर रहा है कि उन्होंने छुट्टी की नोटिस अपने विद्यालय में चिपका दी है। लेकिन उसका कोई संदेश अभिभावकों तक नहीं पहुंचा। जो बच्चे घर से स्कूल आते थे उनकी छुट्टी की गई थी और ऑनलाइन क्लास लिया जा रहा था। लेकिन जो बच्चे हॉस्टल में रह रहे थे उनकी छुट्टी नहीं की गई थी।