अरविंद केजरीवाल की सत्ता और विधायकी गई, अब मिलेंगी सिर्फ पेंशन – जानिए कितनी होगी राशि?

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करीब 10 साल तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे अरविंद केजरीवाल अब न सिर्फ सत्ता से बाहर हो चुके हैं, बल्कि उनकी विधायकी भी चली गई है। दिल्ली चुनावों में न तो आम आदमी पार्टी (AAP) को बहुमत मिला और न ही केजरीवाल अपनी नई दिल्ली विधानसभा सीट बचा सके। ऐसे में अब वह दिल्ली सरकार के ‘पूर्व मुख्यमंत्री’ के तौर पर पेंशनभोगी बन गए हैं। आइए जानते हैं कि दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिए पेंशन के क्या प्रावधान हैं और उन्हें कितनी राशि मिलेगी।

दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्रियों को कितनी पेंशन मिलती है?

दिल्ली विधानसभा की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्रियों को वही पेंशन मिलती है जो किसी पूर्व विधायक को मिलती है। यह नियम स्पीकर, डिप्टी स्पीकर और नेता विपक्ष पर भी लागू होता है।

अब सवाल उठता है कि दिल्ली के पूर्व विधायकों को कितनी पेंशन मिलती है?

14 फरवरी 2023 से लागू संशोधित नियमों के अनुसार:

पहले कार्यकाल के लिए ₹15,000 मासिक पेंशन मिलती है।
 इसके बाद हर अतिरिक्त कार्यकाल के लिए ₹1,000 प्रति वर्ष जोड़े जाते हैं।

अरविंद केजरीवाल को कितनी मिलेगी पेंशन?

अगर अरविंद केजरीवाल के कार्यकाल को इस नियम के हिसाब से देखें तो:

 उन्होंने पहली बार 49 दिनों की सरकार चलाई थी, जिसके लिए उन्हें ₹15,000 मासिक पेंशन मिलेगी।
इसके बाद उन्होंने लगभग 10 साल (कुछ महीने कम) तक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया।
हर अतिरिक्त साल के लिए ₹1,000 प्रति वर्ष जोड़े जाएंगे, यानी 10 वर्षों के लिए ₹10,000 अतिरिक्त मिलेंगे।

 इस हिसाब से केजरीवाल को कुल ₹25,000 मासिक पेंशन मिलेगी।

केजरीवाल सरकार के दौरान ही बढ़ी थी विधायकों की पेंशन

दिलचस्प बात यह है कि अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री रहते ही दिल्ली के विधायकों और मंत्रियों के वेतन और भत्तों में इजाफा किया गया था।

फरवरी 2023 में पेंशन दोगुनी कर दी गई थी।
2011 से 2023 के बीच दिल्ली में पूर्व विधायकों, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को ₹7,500 मासिक पेंशन दी जाती थी।
हर अतिरिक्त कार्यकाल के लिए पहले सिर्फ ₹1,000 अतिरिक्त मिलते थे, लेकिन अब पेंशन को ₹15,000 कर दिया गया।