दिल्ली विधानसभा चुनाव का साल शुरू होते ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। नए साल के पहले दिन, आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को निशाने पर लिया। केजरीवाल ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को चिट्ठी लिखते हुए भाजपा की नीतियों और कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं।
केजरीवाल के पत्र का मुख्य बिंदु
अरविंद केजरीवाल ने मोहन भागवत को लिखे पत्र में भाजपा के पिछले दिनों के कामकाज को लेकर तीन अहम सवाल पूछे। साथ ही, उन्होंने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए आरएसएस से यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या संघ दिल्ली चुनावों में भाजपा के लिए प्रचार करेगा।
पत्र में किए गए मुख्य आरोप:
- भ्रष्टाचार और वोट खरीदने के आरोप:
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता खुलेआम पैसे बांटकर वोट खरीदने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने पूछा, “क्या आरएसएस ऐसे कृत्यों का समर्थन करता है?” - वोट कटवाने का मुद्दा:
उनका दूसरा सवाल था कि भाजपा गरीबों, दलितों, पूर्वांचलियों, और झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों के वोट कटवाने का प्रयास कर रही है। केजरीवाल ने कहा कि यह लोग वर्षों से दिल्ली में रह रहे हैं और उनके मताधिकार पर हमला किया जा रहा है। - जनतंत्र को कमजोर करने का आरोप:
केजरीवाल ने पूछा, “क्या आरएसएस को नहीं लगता कि भाजपा का यह रवैया भारतीय लोकतंत्र को कमजोर करता है? क्या संघ इसे सही मानता है?”
पिछले पत्र का संदर्भ
यह पहली बार नहीं है जब अरविंद केजरीवाल ने मोहन भागवत को खुला पत्र लिखा है। तीन महीने पहले, उन्होंने एक पत्र के जरिए भाजपा की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। उस समय केजरीवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी के रिटायरमेंट, दूसरी पार्टियों के नेताओं को तोड़ने और भ्रष्ट नेताओं को भाजपा में शामिल करने जैसे मुद्दों पर तीखी टिप्पणियां की थीं।
चुनाव से पहले रणनीति का हिस्सा?
केजरीवाल का यह पत्र ऐसे समय पर आया है जब दिल्ली में चुनावों की घोषणा कभी भी हो सकती है। आम आदमी पार्टी जहां सत्ता में बनी हुई है, वहीं भाजपा इस बार कड़ी चुनौती देने की तैयारी में है।
- AAP की स्थिति: अरविंद केजरीवाल लगातार भाजपा पर हमलावर हैं और दिल्ली में अपने विकास कार्यों को चुनावी मुद्दा बना रहे हैं।
- भाजपा का जोर: भाजपा ने भी चुनाव प्रचार तेज कर दिया है और विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करने का प्रयास कर रही है।
- आरएसएस का रुख: मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आरएसएस दिल्ली चुनाव में भाजपा के लिए प्रचार कर सकता है।
दिल्ली चुनाव का माहौल
दिल्ली की राजनीति में आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला होता दिखाई दे रहा है। फरवरी में संभावित चुनावों से पहले सभी पार्टियां मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए रणनीतियां बना रही हैं।
केजरीवाल का यह पत्र केवल भाजपा पर सवाल नहीं उठाता, बल्कि आरएसएस की तटस्थता पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है। इस राजनीतिक घटनाक्रम से साफ है कि आगामी चुनावों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर और तेज होगा।