दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, जो खुद को ‘कट्टर ईमानदार’ कहने के लिए जाने जाते हैं, ने हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तारीफ की है। यह वही मनमोहन सिंह हैं, जिनकी सरकार के खिलाफ केजरीवाल ने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन छेड़ा था और उन्हें सत्ता से हटाने की नींव रखी थी।
‘साफ नीयत वाले नेता’ की तारीफ
एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में अरविंद केजरीवाल से पूछा गया कि उनके अलावा देश में कौन-सा राजनेता है, जिसकी नीयत बिल्कुल साफ है? इसके जवाब में केजरीवाल ने कहा:
“डॉ. मनमोहन सिंह बहुत अच्छे नेता थे। बहुत ईमानदार थे।”
जब एंकर ने कहा कि मनमोहन सिंह को अक्सर गलत समझा गया, तो केजरीवाल ने सहमति जताते हुए कहा, “यस।”
भ्रष्टाचार आंदोलन और मनमोहन सरकार
यह टिप्पणी इस दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है कि 2014 तक जब केंद्र में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए-2 सरकार थी, तो अरविंद केजरीवाल ने अन्ना हजारे की अगुआई में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन खड़ा किया था।
- लोकपाल बिल की मांग:
इस आंदोलन का केंद्र बिंदु लोकपाल बिल था, जिसे लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान और जंतर-मंतर जैसे स्थलों पर कई बड़े प्रदर्शन हुए।
- सरकार के खिलाफ माहौल:
केजरीवाल और उनकी टीम ने मनमोहन सरकार पर बड़े भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, जिससे देशभर में उनके खिलाफ माहौल तैयार हुआ।
- चुनावी परिणाम:
इसका नतीजा यह हुआ कि 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार हुई और भाजपा सत्ता में आई।
‘आप’ का गठन और कांग्रेस का समर्थन
इस आंदोलन के बाद ही आम आदमी पार्टी का गठन हुआ। 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में ‘आप’ ने पहली बार भाग लिया और कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई।
केजरीवाल ने ताजा इंटरव्यू में कांग्रेस से समर्थन लेने के फैसले पर सफाई दी। उन्होंने कहा:
“कांग्रेस ने बिना शर्त समर्थन का ऐलान किया था और हमें चुनौती दी थी कि सरकार बनाकर अपने वादे पूरे करें। जनता से पूछने के बाद हमने समर्थन स्वीकार किया।”
मनमोहन सिंह को भारत रत्न देने की मांग
मनमोहन सिंह के निधन के बाद, अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री की खुले दिल से तारीफ की। ‘आप’ सांसद संजय सिंह ने तो यहां तक कहा कि मनमोहन सिंह को भारत रत्न दिया जाना चाहिए।