गुवाहाटी, 02 जुलाई (हि.स.)। यूपीएससी के 1988 बैच के भारतीय रेलवे इंजीनियर्स सेवा के अधिकारी अरुण कुमार चौधरी ने पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (पूसीरे) के निर्माण, संगठन के महाप्रबंधक का पदभार संभाला है। उनके पास देश भर में फैले भारतीय रेल के विभिन्न जोन और सार्वजनिक उपक्रमों में कार्य करने का व्यापक अनुभव है। पूसीरे (निर्माण) के महाप्रबंधक के रूप में पदभार ग्रहण करने से पहले, जून, 2023 से पूर्व रेलवे के प्रधान मुख्य अभियंता के रूप में उन्होंने कार्य किया। महाप्रबंधक/निर्माण के रूप में वे पूसीरे के क्षेत्राधिकार यानी सिक्किम सहित सभी पूर्वोत्तर राज्य और पश्चिम बंगाल एवं बिहार के कुछ हिस्सों में सभी रेलवे निर्माण गतिविधियों के प्रभारी होंगे।
उन्होंने जनवरी, 1992 से सितंबर 1996 तक गोंडा में फ्लैश बट प्लांट में एक्जिक्यूटिव इंजीनियर और मार्च, 2000 से जून, 2002 तक पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल में वरिष्ठ मंडल इंजीनियर के रूप में अपनी सेवा दी है। अपनी सेवा अवधि के दौरान, उन्होंने मार्च, 2007 से मार्च, 2010 तक अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) में निदेशक/अनुसंधान और जून, 2002 से 2004 तक निदेशक/जीई/सिविल, बी एंड एस के रूप में कार्य किया। उन्होंने अगस्त 2004 से मार्च, 2007 तक बेरा, मोजाम्बिक में उप परियोजना निदेशक के पद पर भी कार्य किया और 710 किमी रेलवे लाइन के पुनर्निर्माण के दायित्व का निर्वाह किया। अक्टूबर, 2010 से नवंबर, 2011 तक रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस लिमिटेड (राइट्स) में महाप्रबंधक (जीटी) के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान वे जम्मू और कश्मीर में उधमपुर – श्रीनगर बारामुल्ला – रेल लिंक परियोजना की जियोटेक अनुसंधान के प्रभारी थे। नवंबर 2011 से दिसंबर 2012 तक रेल विकास निगम लिमिटेड में मुख्य परियोजना प्रबंधक के रूप में उन्होंने पूर्वोत्तर रेलवे में लखनऊ-पीलीभीत के बीच 264 किलोमीटर लंबे सेक्शन के आमान परिवर्तन और उत्तर रेलवे के उतरहटिया-रायबरेली के बीच 66 किमी लंबी नई लाइन के दोहरीकरण कार्य का निष्पादन कराया।
उन्होंने मार्च 2015 से अप्रैल 2017 तक पूर्व तट रेलवे, भुवनेश्वर में मुख्य इंजीनियर/निर्माण के रूप में भी अपना योगदान दिया और तालचेर-बिमलागढ़ के बीच 154 किमी लंबी नई रेलवे लाइन एवं तालचेर-सम्बलपुर के बीच 174 किमी लंबी नई दोहरीकरण लाइन का निर्माण कराया। मई 2017 से मार्च 2018 तक इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन लिमिटेड (इरकॉन) में मुख्य महाप्रबंधक/सिविल के रूप में उन्होंने नई दिल्ली-हावड़ा मार्ग के बीच 1525 किमी लंबी रेलवे लाइन में गति बढ़ाने और दक्षिण पूर्व रेलवे के शालीमार और सांतरागाछी टर्मिनलों पर टर्मिनल के विकास और मुख्य यार्ड के पुनर्निर्माण परियोजना पर कार्य किया।
अप्रैल, 2018 से जुलाई, 2019 तक पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य इंजीनियर जैसे अन्य महत्वपूर्ण पदों पर भी उन्होंने कार्य किया और ट्रैक अनुरक्षण एवं भूमि प्रबंधन के मशीनीकरण के लिए पहल की। उन्होंने जुलाई, 2019 से मई, 2023 तक दक्षिण मध्य रेलवे, सिकंदराबाद के मुख्य जनरल इंजीनियर के रूप में भी अपनी सेवा दी, जहाँ उन्होंने भारतीय रेल के लिए पहली बार रेलवे पुलों, निर्माण और ट्रैक के लिए दरों की एकीकृत मानक अनुसूची (आईआरयूएसएसओआर – 2019) तैयार करने का काम किया।