श्रीराम के आदर्श को अपनाना होगा : अरूण गोविल

प्रयागराज, 03 फरवरी (हि.स.)। देश के नवनिर्माण के लिए हमें श्री राम के आदर्श को अपनाना होगा। क्योंकि पूरी दुनिया में भारत की पहचान राम से है और राम की पहचान भारत से है। राम हमारी संस्कृति हैं एवं हमें अपनी संस्कृति के साथ जीना है और अपनी सांस्कृतिक पहचान बनाए रखना है। रामायण में राम है और राम ही रामायण है। रामायण हमें जीवन जीना सिखाती है और हमारी संस्कृति से पहचान कराती है और उसे मजबूत बनाती है। हमारी संस्कृति विश्व को सर्वोपरि संस्कृति है, जिस पर हमें गर्व है। वह दिन दूर नहीं जब फिर एक बार दुनिया हमें अपना विश्व गुरु मानेगी।

यह बातें रामानंद सागर कृत रामायण धारावाहिक के श्री राम का किरदार निभाने वाले प्रख्यात अभिनेता अरुण गोविल ने हजारों राम भक्तों को सम्बोधित करते हुए कही। शनिवार को ठाकुर हरनारायण डिग्री कॉलेज के निदेशक एवं कार्यक्रम के मुख्य आयोजक डॉ उदय प्रताप सिंह के आयोजन में बरगद घाट मीरापुर श्री हनुमान मंदिर से श्री राम यज्ञ की विशाल कलश शोभायात्रा दिव्यता एवं भव्यता के साथ निकाली गई। अरूण गोविल एवं लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी ने जय श्रीराम के नारे से शोभायात्रा का शुभारम्भ किया और निर्धारित शोभायात्रा मार्ग में राम भक्तों ने अरुण गोविल राम और सुनील लहरी लक्ष्मण पर पुष्पवर्षा करते हुए उनका स्वागत किया।

इसके पूर्व वैदिक मंत्रोचार के साथ बरगद घाट मीरापुर हनुमान मंदिर में संतो द्वारा पूजन अर्चन किया गया। तत्पश्चात शोभायात्रा निकाली गई जो अपने निर्धारित मार्ग से होते हुए ठाकुर हरि नारायण सिंह डिग्री कॉलेज में पहुंची। जहां हजारों राम भक्तों को सम्बोधित करते हुए अरुण गोविल राम ने कहा कि प्रयागराज स्वयं में पावन और पवित्र है। क्योंकि यहां मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का निवास है। यहां का वातावरण पूरी तरह से आध्यात्मिकता के रस में रची है और यहां के निवासी बड़े ही भाग्यशाली है।

उन्होंने कहा कि श्री राम यज्ञ का महान कार्य श्री राम नाम से ही सफल हो गया है और जिस यज्ञ में राम का नाम जुड़ जाए सब मनोकामना पूर्ण हो जाती है। उन्होंने कहा कि जीवन में कुछ भी करें तो संतों का आशीर्वाद जरूर लें। जिससे आपका कार्य सफल हो सके। आगे कहा कि 500 वर्षों के संघर्ष बाद श्री राम जन्मभूमि मंदिर में राजा राम आए हैं और अब भारत अपनी पहचान के साथ दुनिया में आगे बढ़ेगा। जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नींव रख दी है।

इस अवसर पर सुनील लहरी लक्ष्मण ने कहा कि प्रयागराज की मिट्टी से हमारा पैतृक सम्बंध है और पहली बार यहां आकर लेटे हुए हनुमान जी का दर्शन कर अभिभूत हूं। उन्होंने कहा कि हमारा और अरुणजी का रिश्ता बड़े भाई से छोटे भाई और छोटे भाई से बड़े भाई जैसा रिश्ता 35 वर्षों से बना है। भले ही हम एक मां से पैदा ना हुए हो पर रिश्ता बड़े और छोटे भाई जैसा ही है। उन्होंने कहा कि देश के बच्चे और युवा पीढ़ी अपने जीवन का 25 वर्ष अपनी मां पिता और गुरु के आदेशों के अनुसार जिए तो उसका जीवन सुखमय होगा और यही शिक्षा रामायण देती है। हमें अपनी सांस्कृतिक आध्यात्मिक और राम के वैचारिक शिक्षा से जुड़ना है और अपने रिश्तों को बनाए रखना है।

मीडिया प्रभारी राजेश केसरवानी ने बताया कि इस अवसर पर उन्होंने सीता स्वयंवर धनुष यज्ञ की सभा का लक्ष्मण संवाद का डायलॉग प्रस्तुत कर राम भक्तों का मन मोह लिया। तत्पश्चात श्री राम महायज्ञ का कार्य शुभारम्भ किया गया जो 4, 5 और 6 फरवरी तक चलेगा। उन्होंने बताया कि शोभायात्रा का संचालन अभिषेक ठाकुर ने किया।

शोभायात्रा में प्रमुख रूप से महंत सतुआ महाराज, महंत कमल नयनदास अयोध्या धाम, ठाकुर हरनारायण सिंह डिग्री कॉलेज के संस्थापक देवेंद्र सिंह चंदेल, अभिषेक ठाकुर, मंजूषा सिंह, हरीश त्रिपाठी, शत्रुघ्न जायसवाल एवं हजारों की संख्या में राम भक्त उपस्थित रहे।