सर्दियों में गठिया के मरीजों की समस्या काफी बढ़ जाती है। ठंड और नमी के कारण जोड़ों में सूजन और दर्द इस हद तक बढ़ने लगता है कि उठना-बैठना भी मुश्किल हो जाता है।
वैसे तो इस समस्या को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन कुछ जड़ी-बूटियाँ हैं जो इस दर्द को कम करने में मदद कर सकती हैं। इन जड़ी-बूटियों में एंटी-इंफ्लेमेटरी और दर्द निवारक गुण होते हैं, जो गठिया के लक्षणों को कम करने में मददगार साबित होते हैं।
हल्दी
हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गठिया के दर्द को कम करने में मदद करते हैं। ऐसे में सर्दियों में हल्दी वाला दूध पीने से जोड़ों में सूजन और दर्द में राहत मिल सकती है।
अदरक
अदरक भी एक एंटी-इंफ्लेमेटरी जड़ी बूटी है, जो गठिया के दर्द को कम करने में मददगार है। अदरक का नियमित सेवन जोड़ों में सूजन को कम करने में मदद करता है। आप चाय में अदरक डालकर या सीधे इसका सेवन करके सर्दियों में गठिया के दर्द से राहत पा सकते हैं।
अमला
आंवले में विटामिन सी और एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर में सूजन को कम करते हैं। आंवले के नियमित सेवन से गठिया के लक्षण नियंत्रण में रहते हैं। आंवले के जूस या इसके चूर्ण का सेवन करने से जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है।
शहद और दालचीनी
गठिया के दर्द को कम करने के लिए शहद और दालचीनी का मिश्रण एक कारगर उपाय है। दालचीनी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण और शहद में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट दोनों मिलकर गठिया के दर्द को कम करने में मदद करते हैं। इस मिश्रण का सेवन रोज सुबह खाली पेट करने से जोड़ों की सूजन और दर्द में आराम मिलता है।
एक औषधीय पौधा
अश्वगंधा एक अद्भुत जड़ी बूटी है जो गठिया के दर्द को कम करने के लिए जानी जाती है। यह शरीर के तनाव को कम करने और जोड़ों के दर्द को नियंत्रित करने में मदद करती है।