डायबिटीज के मरीजों के लिए वरदान है अर्जुन की छाल, कैंसर और दिल की बीमारियों में भी फायदेमंद

Arjunchhaal

आयुर्वेद में जड़ी-बूटियों को बीमारियों का इलाज करने में बेहद कारगर माना गया है। इन्हीं में से एक है अर्जुन की छाल, जिसे स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी बताया गया है। डायबिटीज, दिल की बीमारियों और कैंसर जैसी गंभीर समस्याओं के समाधान में यह छाल किसी वरदान से कम नहीं। इसे काढ़े या पाउडर के रूप में इस्तेमाल करके सेहत से जुड़ी कई समस्याओं को दूर किया जा सकता है।

अर्जुन का पेड़: आयुर्वेद का खजाना

  • सदाबहार पेड़: अर्जुन का पेड़ करीब 60 से 80 फीट ऊंचा होता है।
  • पत्तियां: इसकी पत्तियां अमरूद की पत्तियों जैसी दिखती हैं।
  • स्थान: यह पेड़ हिमालय की तराई, नदियों के किनारे और शुष्क पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है।
  • वैज्ञानिक नाम: टर्मिनेलिया अर्जुना (Terminalia Arjuna)

डायबिटीज के मरीजों के लिए रामबाण

अर्जुन की छाल डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद है।

  • एंटीडायबिटिक गुण:
    • इसमें विशेष एंजाइम्स और एंटीडायबिटिक तत्व होते हैं।
    • यह किडनी और लिवर की कार्यक्षमता को बढ़ाकर ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है।
  • सेवन का तरीका:
    • अर्जुन की छाल और देसी जामुन के पाउडर को मिलाकर तैयार करें।
    • इसे रात में सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ लें।
  • नियमित सेवन से ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित होता है।

दिल के लिए अमृत समान

दिल की बीमारियों के लिए अर्जुन की छाल को एक बेहतरीन प्राकृतिक इलाज माना जाता है।

  • मुख्य तत्व:
    • इसमें ट्राइटरपेनॉइड्स (Triterpenoids) नामक रसायन होता है, जो हार्ट अटैक के खतरे को कम करता है।
  • लाभ:
    • हाई बीपी और हाई कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है।
    • सीने में दर्द को कम करता है।
    • दिल की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।

कैंसर के खतरे को कम करने में सहायक

अर्जुन की छाल कैंसर सेल्स की ग्रोथ को रोकने में मदद करती है।

  • मुख्य तत्व:
    • इसमें पाया जाने वाला कैसुरिनिन (Casuarinin) कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने में मदद करता है।
  • सेवन का तरीका:
    • रोजाना गर्म दूध के साथ अर्जुन की छाल का सेवन करें।
    • यह ब्रेस्ट कैंसर समेत अन्य प्रकार के कैंसर से बचाव में मददगार है।

पाचन तंत्र को सुधारने में मददगार

अर्जुन की छाल पाचन तंत्र के लिए भी फायदेमंद है।

  • लाभ:
    • कब्ज की समस्या से राहत देता है।
    • गैस्ट्रिक अल्सर और एसिडिटी को कम करता है।
    • पाचन शक्ति को बढ़ाता है।
  • सेवन का तरीका:
    • अर्जुन की छाल को पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं और इसका सेवन करें।

अर्जुन की छाल का इस्तेमाल कैसे करें?

  1. काढ़ा:
    • अर्जुन की छाल को पानी में उबालें और छानकर पीएं।
  2. पाउडर:
    • इसे पाउडर के रूप में बनाकर पानी, दूध या शहद के साथ लें।
  3. दूध के साथ:
    • कैंसर और दिल की बीमारियों में इसे गर्म दूध में मिलाकर सेवन करें।