आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में नींद न आना या बेचैनी के कारण जाग जाना एक आम समस्या बन गई है। अगर आप लेट जाते हैं तो घंटों तक सो नहीं पाते और अगर लेट भी जाते हैं तो सुबह उठते ही थकान महसूस होती है। कई बार हम इसे हल्के में ले लेते हैं, यह सोचकर कि कुछ दिनों में सब ठीक हो जाएगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नींद से जुड़ी ये समस्याएं किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकती हैं?
अनिद्रा के अलावा भी कई तरह के नींद से जुड़े विकार हैं, जिन्हें नज़रअंदाज़ करना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इनमें से कुछ प्रमुख हैं –
स्लीप एप्निया: सोते समय सांस लेने में बार-बार रुकावट आना। इससे न केवल नींद की कमी होती है, बल्कि हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है।
बेचैन पैर सिंड्रोम: सोते समय पैरों में बेचैनी और उन्हें हिलाने की तीव्र इच्छा।
नार्कोलेप्सी: अत्यधिक नींद आना और दिन में अचानक सो जाने की समस्या।
पैरासोमनिया: नींद के दौरान अजीब व्यवहार, जैसे रात में बात करना, चलना या चीखना।
इन विकारों के लक्षण शुरुआत में हल्के हो सकते हैं लेकिन समय के साथ गंभीर हो सकते हैं। इसलिए, नींद से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।
समस्या का समाधान चिकित्सीय सलाह
अगर आपको रात में अच्छी नींद नहीं आती या सुबह उठने के बाद भी थकान महसूस होती है, तो डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है। डॉक्टर आपकी नींद के पैटर्न और लक्षणों के आधार पर आपकी जांच कर सकते हैं और समस्या का निदान और उपचार कर सकते हैं।
क्या निदान है?
नींद की स्वच्छता: सोने का उचित समय निर्धारित करना, रात में स्क्रीन उपकरणों का उपयोग कम करना, तथा शांत वातावरण में सोना।
संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी: नींद से संबंधित चिंताओं को कम करने के लिए थेरेपी।
दवाएं: कुछ मामलों में, डॉक्टर नींद लाने वाली दवाएं भी लिख सकते हैं।
अच्छी नींद सेहत के लिए बहुत ज़रूरी है। नींद से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या को नज़रअंदाज़ न करें और डॉक्टर से सलाह लेकर अपनी नींद में सुधार करें। अच्छी नींद आपको स्वस्थ और तरोताज़ा रखने में मदद करेगी।