अहमदाबाद के हेरिटेज ब्रिज एलिस ब्रिज के पुनर्स्थापन के लिए 32.40 करोड़ रुपए के आवंटन को स्वीकृति

गांधीनगर, 8 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने वर्ल्ड हेरिटेज सिटी अहमदाबाद के हेरिटेज ब्रिज एलिस ब्रिज के सुदृढ़ीकरण एवं पुनर्स्थापन के लिए 32 करोड़ 40 लाख 50 हजार रुपए के आवंटन को सैद्धांतिक स्वीकृति दी है। पटेल ने स्वर्णिम जयंती मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना के फ्लाईओवर ब्रिज घटक से यह राशि आवंटित कर अहमदाबाद महानगर को महत्वपूर्ण भेंट दी है।

उल्लेखनीय है कि अहमदाबाद शहर में साबरमती नदी पर यह सबसे पहला ब्रिज अंग्रेजी शासन काल के दौरान वर्ष 1892 में बनाया गया है। 433.41 मीटर लंबे तथा 6.25 मीटर चौड़े एलिस ब्रिज का 30.96 मीटर के 14 स्पान बो-स्ट्रिंग टाइप के स्टील स्ट्रक्चर में निर्माण हुआ है। इस ऐतिहासिक ब्रिज का स्टील स्ट्रक्चर वेदरिंग इफेक्ट के कारण जर्जर व भयजनक हो गया है। इस कारण यह ब्रिज पिछले दस वर्ष से आवागामन-यातायात के लिए पूरी तरह बंद कर दिया गया है। राज्य सरकार ने इस हेरिटेज ब्रिज की विरासत को बनाए रखने तथा उसका समयानुरूप अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से रिपेयरिंग कार्य करने के उद्देश्य से स्वर्णिम जयंती मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना के अंतर्गत इस एलिस ब्रिज के सुदृढ़ीकरण एवं पुनर्स्थापन का कार्य प्रारंभ करने के लिए यह बड़ी राशि आवंटित की है।

इतना ही नहीं; पुनर्निर्मित होने के बाद इस पुल का उपयोग वाहन चालकों के साथ ही राहगीरों के लिए भी हो सके तथा लोग इस हेरिटेज ब्रिज की विजिट कर ऐतिहासिक संस्मरणों की स्मृतियों का जतन कर सकें, इस प्रकार ब्रिज रिपेयरिंग मेथडोलॉजी का उपयोग कर स्ट्रक्चर डिजाइन आदि कार्य किए जाएंगे। एलिस ब्रिज के सुदृढ़ीकरण एवं पुनर्स्थापन से साबरमती नदी के तट पर विक्टोरिया गार्डन के पास लगने वाले परंपरागत रविवारीय (गुजरी) बाजार में आने-जाने के लिए राहगीर इस पुल का फिर से पहले की तरह उपयोग कर सकेंगे। अहमदाबाद महानगर पालिका ने इन समग्र विषयों का समावेश करते हुए एलिसब्रिज के पुनर्निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण के लिए राज्य शहरी विकास विभाग को प्रस्ताव भेजा था। मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने शहरी विकास विभाग द्वारा उनके समक्ष यह प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाने के बाद 32 करोड़ 40 लाख 50 हजार रुपए के आवंटन को सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की है। ऐतिहासिक एलिस ब्रिज का जो स्ट्रेंदनिंग तथा रिस्टोरेशन कार्य किया जाना है, उसमें मुख्य ट्रस के जॉइंट्स रिपेयरिंग, बॉटम गर्डर, बॉटम स्ट्रिंजर्स तथा बॉटम जॉइंट्स बदले जाएंगे और नई बेयरिंग का इन्स्टॉलेशन, कम्पोजिट पियर स्ट्रक्चर के बीच के लेसिंग तथा ब्रेसिंग में जरूरत के अनुसार बदलाव किए जाएंगे। इसके अलावा मौजूदा पियर को कोरोजन से बचाने के लिए एंटी कोरोजन ट्रीटमेंट, जर्जर हो चुके बॉटम डेक स्लैब को दूर कर नया बनाने का कार्य भी किया जाएगा।