पुराने ज़माने में मेलों में खो जाना आम बात थी। घर से निकलने से पहले दादा-दादी कहते थे कि मेले में खो मत जाना. पुरानी बॉलीवुड फिल्मों में भी कुंभ मेले की कहानी बच्चों को उनके माता-पिता या भाइयों को एक-दूसरे से अलग करने के लिए बनाई गई थी।
लेकिन टेक्नोलॉजी के इस नए दौर में अब ये डर नहीं सताता. अगले साल प्रयागराज में महाकुंभ मेला लगने वाला है और इसे ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार खोया-पाया प्रणाली शुरू करने की तैयारी में है। इस व्यवस्था के फलस्वरूप अगले कुम्भ में कोई भी लापता व्यक्ति मिनटों में उसके परिजनों को मिल जायेगा। महाकुंभ में लोगों के बिछड़ने और सालों बाद मिलने की फिल्मी धारणा को तोड़ने के लिए योगी सरकार पूरी तरह तैयार है। इस व्यवस्था के तहत यदि कोई व्यक्ति कुंभ मेले में अपने परिवार से बिछड़ जाता है तो उसकी देखभाल सुरक्षित, व्यवस्थित और जिम्मेदार तरीके से की जाएगी। राज्य सरकार की ओर से बुधवार को जारी एक बयान के मुताबिक, प्रयागराज मेला प्राधिकरण और पुलिस विभाग ने संयुक्त रूप से आगामी कुंभ मेले में उच्च तकनीक वाली खोया-पाया पंजीकरण प्रणाली लागू करने की तैयारी की है।
कैसे काम करेगा ये नया सिस्टम?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये हाई-टेक खोया-पाया केंद्र अब किसी लापता व्यक्ति को डिजिटल रूप से दर्ज करेंगे ताकि परिवार या दोस्त उसे आसानी से ढूंढ सकें। इसके अलावा, सभी लापता व्यक्तियों के लिए केंद्रों से घोषणाएं की जाएंगी और पंजीकृत व्यक्ति की डिजिटल जानकारी तुरंत अन्य केंद्रों के अलावा फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर डाल दी जाएगी।