गुजरात से शुरू होने वाली कोई भी विकास पहल पूरे देश के लिए प्रेरणा बनती है: राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा

0227e8b2 495a 4dc1 A462 58dec075

सूरत: सूरत में ‘कर्मभूमि थी जन्मभूमि’ पहल के तहत गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान के मुख्यमंत्रियों क्रमश: भूपेन्द्र पटेल, डॉ. मोहन यादव, भजनलाल शर्मा और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने अपने राज्यों में जल भंडारण का विस्तार करने पर मंथन किया.

इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने मध्य प्रदेश, राजस्थान के मुख्यमंत्रियों और बिहार के उपमुख्यमंत्री का गुजरात की धरती पर स्वागत किया और कहा कि जल संकट की समस्या से उबरने और अनमोल पानी देने के लिए जल संचयन अभियान महत्वपूर्ण होगा. भावी पीढ़ी को हमारे प्राकृतिक संसाधनों की विरासत। यदि सरकार के साथ-साथ हर कोई इस अभियान में सहयोग करने के लिए दृढ़ संकल्पित हो तो जल संरक्षण का महान लक्ष्य अवश्य प्राप्त होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूरदर्शी दृष्टिकोण के साथ अपने समाधान की योजना बनाते हैं, चुनौतियां आने से पहले ही एक कदम आगे की सोचते हैं। नल से जल- जल जीवन मिशन, कैच द रेन अभियान इसका अच्छा उदाहरण है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में ग्लोबल वार्मिंग के विरुद्ध पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण तथा जल संचयन, जल संरक्षण जैसे अभियान सफल रहे हैं।

वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान पानी की समस्या से घिरा राज्य है. जो काम गुजरात से शुरू होता है वह पूरे देश में फैलता है। उन्होंने इस मौके पर कहा कि 2003 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के जालोर और बाड़मेर जिलों में पानी की समस्या को जानते हुए वहां पर नर्मदा का पानी उपलब्ध कराने का बड़ा काम किया था. विकास की कोई भी पहल जो गुजरात से शुरू होती है, वह पूरे देश के लिए प्रेरणा बनती है

वर्ष 2003 तक गुजरात ने राजस्थान को नर्मदा जल देकर पड़ोसी धर्म निभाया। यह कहते हुए कि यह महाअभियान आने वाली पीढ़ियों तक याद रखा जाएगा, राजस्थान के लोगों ने सूरत को कर्मभूमि बनाकर जल संचयन और जनभागीदारी का महाअभियान शुरू किया है, जिसके लिए उन्होंने सौना का आभार व्यक्त किया। राजस्थान के गांवों में वर्षा जल संचयन से पानी का अपार संग्रहण होगा। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री आतंकवाद के खात्मे का आह्वान कर देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। जिसमें सभी से भागीदार बनकर विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने का अनुरोध किया गया।