अनूपपुर, 17 अप्रैल (हि.स.)। जिले में पिछले नौ दिनों से मंदिरों और घरों में स्थापित घटों में विराजी आदिशक्ति माता की उपासना का मनाया जा रहा चैत्र नवरात्रि का महापर्व बुधवार को रिद्धि सिद्धि पूजन व हवन के साथ समाप्त हो गया। जिसमें भक्तों ने घंटाल, शंख बजाकर मां आदिशक्ति का आह्वान किया और अपने द्वारा किए गए अपराधों की क्षमा याचना मांग परिवार की सुख-समृद्धि की मनोकामनाएं पूर्ण करने का वर भी मांगा। इस मौके पर माताओं ने ब्रह्म कन्याओं की पूजा अर्चना कर उन्हें कन्या भोज कराया। जबकि दूसरी ओर चैत माह के शुक्ल नवमी के दिन भगवान श्रीराम के जन्म होने के उपलक्ष्य में जिलेभर में रामनवमी का त्योहार भी मनाया गया।
जिला मुख्यालय अनूपपुर के रामजानकी मंदिर, बूढी देवी मढिया मंदिर, सहित बाबा कुटी धाम, शिव मारूति मंदिर मडफा तालाब सहित अमरकंटक, जैतहरी, पसान, कोतमा, बिजुरी, राजेन्द्रग्राम, चाचई सहित ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ पूजा अर्चना के लिए पहुंची। यहां भक्तों ने मंदिरों और घरों में माता सीता संग भगवान श्रीराम और उनके भक्त श्रीहनुमान की विधि विधान से पूजा अर्चना की और प्रसाद वितरण किया। बिजुरी के हनुमान मंदिर में स्थानीय भक्तों ने कीर्तन भजन कर हर्षोल्लास के साथ रामनवमी का त्योहार मनाया। वहीं चैत्र नवरात्रि के नौवीं और रामनवमी दोनों पर्व के एक साथ होने पर जगह जगह श्रद्धालुओं द्वारा भंडारे का भी आयोजन किया गया।
हिन्दु धर्म शास्त्रों के अनुसार त्रेतायुग में रावण के अत्याचारों को समाप्त करने तथा धर्म की पुन: स्थापना के लिए भगवान विष्णु ने मृत्यु लोक में श्रीराम के रूप में अवतार लिया था। श्रीराम चन्द्र का जन्म चैत्र शुक्ल की नवमी को रानी कौशल्या की कोख से राजा दशरथ के घर में हुआ था। रामनवमी का त्योहार पिछले कई हजार सालों से मनाया जा रहा है। यह पर्व, श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। रामनवमी के दिन ही चैत्र नवरात्र की समाप्ति भी हो जाती है। दोपहर के 12 बजते ही मंदिरों में घंटा घडियाल बजा कर भय प्रकट कृपाला दीनदयाला के स्वर गूंजने लगे भगवान राम का जन्मो2त्सहव धूमधाम से मनाया गया।
सुरक्षा के लिए की गई जवानो की तैनाती
पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र सिंह पवॉर ने बताया कि नवरात्रि की समाप्ति और रामनवमी पर्व को देखते हुए जिले के सभी थाना क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था दुरूस्त रखी गई है। जिले के कुछ देवी स्थानों पर स्थापित किए गए जवारे के विसर्जन यात्रा शाम को आयोजित किया जाएगा। जिसमें सुरक्षा व्यवस्थाओं के बीच कन्या, महिलाएं व भक्तों द्वारा ज्वारा अपने माथे पर रखकर जुलूस निकालकर मां के जयकारे लगाएंगे। इनकी सुरक्षा के एसडीओपी सहित निरीक्षक और स्थानीय थाना क्षेत्रों के बल तालाब, जलाशय, नदी के पास तैनात किए गए हैं। इसके साथ अधिकारियों को सुरक्षा बरतने के साथ जवारा विसर्जन के लिए पहुंचने वाले लोगों को भी सुरक्षार्थ की सूचना देते हुए विसर्जन करने की अपील के निर्देश दिए हैं।