सीएए के विरुद्ध असम विरोधी एक्य मंच ने राज्य भर में लोकतांत्रिक प्रतिरोध का किया आह्वान

गुवाहाटी, 11 मार्च (हि.स.)। असम के विपक्षी एकता मंच ने असम के लोगों से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को अन्यायपूर्ण तरीके से लागू करने के लिए भाजपा और केंद्र सरकार की निंदा करने के लिए 12 मार्च को राज्य भर में हड़ताल करने का आह्वान किया है।

राज्य के कांग्रेस नेतृत्वाधीन 16 विरोधी एकता मंच ने आज एक बयान में यह स्पष्ट कर दिया कि असम के लोग अब विदेशियों का बोझ नहीं उठा सकते। विपक्षी एकता मंच ने वकालत की कि इस मुद्दे को 1971 के असम समझौते के अनुसार हल किया जाना चाहिए।

बयान में कहा गया है कि ”हमने बार-बार कहा है कि असम के लोग किसी भी परिस्थिति में सीएए को स्वीकार नहीं करेंगे और असम के लोग इसके लिए पूरी तरह से हड़ताल पर जाने के लिए तैयार हैं। ‘सीएए’ असमिया जाति के भविष्य को नष्ट कर देगा। वे असम की भाषा, साहित्य, संस्कृति आदि को खतरे में डाल देंगे। असमिया जाति के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो जाएगा। सीएए असम समझौते की मूल भावना को ठेस पहुंचाएगा।”

विपक्षी एकता मंच ने कहा कि वह असम में ऐसे जाति-विनाशक और असंवैधानिक कानून के कार्यान्वयन को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

आज एक बयान में, विपक्षी एकता मंच के अध्यक्ष एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा और महासचिव लुरिनज्योति गोगोई ने असम की सभी जातियों, जनजातियों, सभी दलों और संगठनों से इसके खिलाफ चौतरफा हड़ताल शुरू करने की अपील की।

विपक्षी एकता मंच के अध्यक्ष और सचिव ने प्रत्येक पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं से राज्य भर में सीएए के खिलाफ एक मजबूत लोकतांत्रिक प्रतिरोध बनाने का भी आह्वान किया।