महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पानीपत की धरती को वीरता और एकता का प्रतीक बताते हुए इसके ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यही वह भूमि है, जहां मराठों को एकता का सूत्र मिला और उन्होंने भगवे के स्वाभिमान को आगे बढ़ाते हुए हिंद स्वराज की स्थापना की। मराठों ने देश और धर्म की रक्षा करते हुए आक्रांताओं को पराजित किया और भगवा ध्वज का गौरव पुनः स्थापित किया।
पानीपत: वीरों की धरती
फडणवीस ने कहा कि पानीपत की भूमि मराठों और अन्य वीरों के बलिदान से संचित है। उन्होंने कहा:
“अगर उस समय देश के अन्य राजा मराठों की मदद के लिए आगे आते, तो अब्दाली हार जाता। उस समय यदि सभी एकजुट होते, तो आज इतिहास अलग होता।”
पानीपत में छत्रपति शिवाजी महाराज की भव्य प्रतिमा का ऐलान
मुख्यमंत्री फडणवीस ने पानीपत के काला आम्ब स्थित शौर्य स्थल पर आयोजित कार्यक्रम में यह घोषणा की कि पानीपत की भूमि पर छत्रपति शिवाजी महाराज की एक भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
- प्रस्तावित योजना:
- महाराष्ट्र सरकार और हरियाणा सरकार इस परियोजना को संयुक्त रूप से विकसित करेंगी।
- किसानों को भूमि के मुआवजे का उचित मूल्य महाराष्ट्र सरकार द्वारा दिया जाएगा।
- यह प्रतिमा मराठों की वीरता और भारत की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक होगी।
- उन्होंने कहा कि अगले वर्ष महाराष्ट्र सरकार भी इस आयोजन का हिस्सा बनेगी।
छत्रपति शिवाजी महाराज: इतिहास बदलने वाले नायक
फडणवीस ने छत्रपति शिवाजी महाराज के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा:
- “शिवाजी महाराज ने एक ऐसे समय में हिंदवी स्वराज्य की स्थापना की, जब देश आक्रांताओं से त्रस्त था।”
- उन्होंने बिना जाति-पाति भेदभाव के एक मावला सेना बनाई, जो केवल देव, देश और धर्म की रक्षा के लिए लड़ती थी।
- शिवाजी महाराज ने मुगलों को पराजित कर स्वराज्य की नींव रखी।
संभाजी महाराज और मराठा साम्राज्य का विस्तार
- छत्रपति संभाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य को और मजबूत किया।
- औरंगजेब जैसे आक्रांताओं को हराते हुए मराठाओं ने अटक से कटक तक हिंदवी स्वराज्य का विस्तार किया।
- फडणवीस ने कहा कि मराठाओं ने जब हिंदुत्व, संस्कृति और पूजा स्थलों पर हमले हो रहे थे, तब देश की रक्षा के लिए संघर्ष किया।
आज भगवा ध्वज और तिरंगे के नीचे एकजुट होने की जरूरत
फडणवीस ने जोर देकर कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने सभी को भगवा ध्वज के नीचे एकजुट किया था।
- उन्होंने कहा:
“आज हमें भी भगवा ध्वज और तिरंगे के नीचे एकजुट होने की जरूरत है। यह केवल मराठाओं का नहीं, बल्कि पूरे भारत का गौरव है।” - उन्होंने भारत की संस्कृति, धर्म और एकता की रक्षा के लिए सबको मिलकर काम करने का आह्वान किया।