ओला इलेक्ट्रिक अगले सप्ताह अपने कर्मचारियों की छंटनी करने की तैयारी कर रही है। जिनकी संख्या 400 से 500 के आसपास हो सकती है, हालांकि कंपनी द्वारा जारी की जाने वाली अंतिम सूची के बाद यह संख्या बदल भी सकती है। कंपनी कितने लोगों की छंटनी करेगी, इसकी जानकारी कंपनी द्वारा लिए जाने वाले अंतिम निर्णय के बाद ही मिल पाएगी।
दरअसल, ओला इलेक्ट्रिक आईपीओ से पहले अपनी ऑपरेटिंग कॉस्ट को नियंत्रित करना चाहती है, इसलिए वह छंटनी जैसे विकल्पों पर विचार कर रही है। पिछले दिसंबर में आईपीओ के लिए पेपर ड्राफ्ट करते समय कंपनी ने कहा था कि अक्टूबर 2023 के महीने में उसके पास कुल 3,733 कर्मचारी थे और उस समय कंपनी की कर्मचारी एट्रिशन रेट 47.48 फीसदी थी।
नई भर्ती होगी
द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी छंटनी किए गए लोगों की जगह नई भर्तियां कर सकती है। हालांकि, नए लोगों की संख्या नौकरी से निकाले जाने वाले लोगों की संख्या से कम होगी और कंपनी इन लोगों को वेतन के तौर पर भी कम भुगतान करेगी। साथ ही, जानकार कह रहे हैं कि ओला इलेक्ट्रिक ने इस छंटनी प्रक्रिया के लिए पहले से ही योजना बना ली है।
ओला कंपनी के सीईओ हेमंत बक्शी ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, उनके साथ ही कंपनी के सीएफओ कार्तिक गुप्ता ने भी पद से इस्तीफा दे दिया है। अप्रैल महीने में भी कंपनी ने करीब 200 लोगों को नौकरी से निकाल दिया था। हालांकि, तब यह छंटनी ओला कैब से हुई थी।
कंपनी घाटे में चल रही है
ओला कंपनी पिछले कुछ दिनों से लगातार घाटे में चल रही है। वित्त वर्ष 2024 (FY24) की पहली तिमाही के आंकड़ों के मुताबिक ओला इलेक्ट्रिक को 267 करोड़ रुपये का घाटा है और इसका ऑपरेटिंग रेवेन्यू 1,243 करोड़ रुपये है। कंपनी को वित्त वर्ष 2023 (FY23) में भी घाटा हुआ। इस दौरान भी कंपनी को 1472 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। उस वित्त वर्ष में कंपनी का ऑपरेटिंग रेवेन्यू 2,631 करोड़ रुपये था।