कर्नल किरोड़ी बैंसला के नाम एजुकेशन इंस्टीट्यूट की घोषणा, युवाओं को सेना में जाने के लिए प्रेरणा मिलेगी : मुख्यमंत्री

जयपुर, 13 जून (हि.स.)। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक रहे कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की प्रतिमा का गुरुवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गंगापुर में अनावरण किया गया। मुख्यमंत्री ने यहां किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कर्नल साहब की सोच राष्ट्रवादी थी। यहां लगी उनकी प्रतिमा युवाओं को सेना में जाने के लिए प्रेरित भी करेगी।

उन्होंने कहा कि कर्नल साहब का सपना था कि हर व्यक्ति को अच्छी सेहत और शिक्षा मिले। बालिका शिक्षा पर उन्होंने हमेशा जोर दिया। हमारी सरकारी भी इसी ओर काम कर रही है। सीएम ने कर्नल किरोड़ी बैंसला के नाम एजुकेशन इंस्टीट्यूट की भी घोषणा की।गंगापुर सिटी के मूंडिया गांव में कर्नल बैंसला की वियतनाम पत्थर से बनी विशेष मूर्ति लगाई गई है। करीब डेढ़ साल यह प्रतिमा बनकर तैयार हुई है। कार्यक्रम में करौली, धौलपुर सहित कई जिलों से सर्व समाज के लोग शामिल हुए। कर्नल बैंसला का मार्च 2022 में निधन हो गया था। उन्होंने साल 2004 में सबसे पहले गुर्जर समाज को अलग से आरक्षण देने की मांग की थी। पटरी पर बैठकर आंदोलन करने से वह आरक्षण आंदोलन का चेहरा बन गए थे।

सीएम ने कहा कि हम एक-एक वादे को पूरा करेंगे। पहले भी देखा होगा, अब भी देखते है कई पार्टियां भ्रमित करने का काम करती हैं। हमें उनके झांसे में नहीं आना है। सबसे ज्यादा राज राजस्थान में किसने किया। अब वो क्या पूछना चाहते हैं। 15 गुणा 20 आकार के फ्लैट में कोई रहना पसंद नहीं करता। अगर गांवों में सुविधा मिलती तो शहर में कोई नहीं जाता। अब भाजपा सरकार ने एक एक गांव को सड़क से जोड़ने का काम किया है। जेजेएम के अंदर राजस्थान में कितना पैसा आया, लेकिन या तो वो लगा नहीं या भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। पिछली सरकार ना तो पानी ला पाई और बनी हुई सड़कों को भी तोड़ दिया। सीएम ने कहा कि देश के किसान हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री मोदी ने तीसरे कार्यकाल का पहला फैसला किसान सम्मान निधि की किस्त जारी करने का किया। राज्य सरकार ने चंबल नदी का पानी लाने के लिए ईआरसीपी की मंजूरी दी। इसे धरातल पर उतारने का काम शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री किसान निधि में राज्य सरकार ने दो हजार बढ़ाए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नल साहब के सीनियर उन्हें जिब्राल्टर की चट्टान कहते थे। कर्नल साहब के साथी उन्हें इंडियन रैंबो कहते थे। वे तीन दशक तक सेना में रहे। उन्होंने 1962 और 1971 के युद्ध में आगे रहे। सेना से रिटायर होने पर समाज के लिए लड़ाई लड़ी। कर्नल साहब का सपना था कि हर व्यक्ति को अच्छी सेहत और शिक्षा मिले। बालिका शिक्षा पर उन्होंने हमेशा जोर दिया। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की मूर्ति के अनावरण के दौरान पूरा सभास्थल उनके जयकारों से गूंज उठा। इस मौके पर सर्व समाज के नेता भी मौजूद रहे। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे रिटायर्ड कर्नल दौलत सिंह ने कहा कि उनका संघर्ष सदियों तक याद किया जाएगा। उसका कोई मुकाबला नहीं है। वे समाज को ऐसी देन दे गए, जिससे हमारी भागीदारी हर क्षेत्र में बढ़ी है। सभी क्षेत्रों में हमारे समाज के लोग पहुंचे हैं। मुझे अपने पिता पर गर्व है।