मुंबई में एक निजी कंपनी के मालिक के साथ साइबर धोखाधड़ी की घटना घटी है। मुंबई के कांदिवली में एक निजी कंपनी के मालिक के साथ सिम स्वैप धोखाधड़ी के जरिए 7.5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है। साइबर अपराधी मोबाइल नंबर से जुड़े सिम को स्वैप करते थे और बैंक खातों से लेनदेन करते थे। इस मामले में शिकायत मिलते ही पुलिस ने करीब 4.65 करोड़ रुपये जब्त कर लिये.
4.65 करोड़ की वसूली हुई
मुंबई में सिम स्वैप फ्रॉड के जरिए एक निजी कंपनी के मालिक से 7.5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। जब पुलिस को मामले की शिकायत मिली तो उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपियों से करीब 4.65 करोड़ रुपये बरामद कर लिए. फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है.
सिम स्वैप धोखाधड़ी का शिकार
एजेंसी के मुताबिक, पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को कांदिवली में एक निजी कंपनी का मालिक साइबर ठगों के सिम स्वैप घोटाले का शिकार हो गया। इसमें जालसाजों ने कंपनी के बैंक खाते तक पहुंचने के लिए उनके मोबाइल नंबर से जुड़े सिम का इस्तेमाल किया। इसके बाद बैंक की ओर से भेजे गए ओटीपी का इस्तेमाल कर कई बार पैसों का लेनदेन किया गया। जब कंपनी के मालिक को इस बारे में पता चला तो उन्होंने तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर मामले की सूचना दी और अवैध लेनदेन का विवरण भी भेजा। साइबर क्राइम शाखा ने तुरंत संबंधित बैंक के नोडल अधिकारी से संपर्क किया और एनसीसीआरपी (नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल) पर शिकायत भी दर्ज की। संबंधित समाचार
बैंक के ओटीपी तक पहुंच प्राप्त करें
साइबर पुलिस की टीम ने धोखाधड़ी के चार घंटे के अंदर 4.65 करोड़ रुपये जब्त कर लिये. हालांकि, जालसाजों ने ज्यादातर रकम पहले ही निकाल ली थी। पुलिस ने बताया कि रकम अलग-अलग खातों में ट्रांसफर की गई, जिसके बाद धोखाधड़ी का मामला सामने आया। वास्तव में, सिम स्वैप धोखाधड़ी पहचान की चोरी का एक रूप है, जिसमें धोखेबाज मोबाइल नेटवर्क प्रदाता को यह विश्वास दिलाते हैं कि वे वास्तविक मोबाइल नंबर से जुड़े सिम कार्ड की अदला-बदली कर रहे हैं। इससे उन्हें बैंक के ओटीपी तक पहुंच मिल जाती है। बैंक खातों का ऑनलाइन प्रबंधन शुरू करें.
संदिग्ध लेनदेन की सूचना तुरंत साइबर हेल्पलाइन पर दें
इस घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस विभाग ने साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ त्वरित और सख्त कार्रवाई की है. घटना के बाद पुलिस ने नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की है और यह भी कहा है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत साइबर हेल्पलाइन पर दी जानी चाहिए. साइबर धोखाधड़ी के मामलों में समय पर कार्रवाई ही नुकसान को कम कर सकती है।