वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए विद्यालय विकास अनुदान की राशि आवंटित

रांची, 28 मई (हि.स.)। राज्य के 35 हजार से अधिक (35,073) स्कूलों को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए विद्यालय विकास अनुदान की राशि आवंटित कर दी गयी है। इस संबंध में झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद (जेईपीसी) के राज्य परियोजना निदेशक आदित्य रंजन ने सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों और संबंधित पदाधिकारियों को सूचना जारी कर दी है।

कुल 12455.90 लाख रुपये की इस राशि का लाभ सभी 24 जिलों के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों (सभी सरकारी) को मिलना है। इस राशि में से प्राथमिक स्कूलों (32626) के लिए 10722.95 रुपये जबकि 2447 माध्यमिक स्कूलों के लिए 1732.95 रुपये तय किये गये हैं। जिलावार आवंटित राशि की स्वीकृति के संबंध में प्रबंध पोर्टल के माध्यम से भी जानकारी ली जा सकती है।

जेईपीसी की ओर से विद्यालय विकास अनुदान राशि के संबंध में कुछ जरूरी दिशा-निर्देश भी जारी किए गये हैं। इसमें कहा गया है कि अनुदान का राशि में से न्यूनतम 10 प्रतिशत राशि स्कूलों में स्वच्छता पर व्यय किया जायेगा। इसके तहत शौचालयों की मरम्मति, रख-रखाव, साफ-सफाई और पेयजल की व्यवस्था, रख-रखाव किया जायेगा। जरूरत पड़ने पर 10 फीसदी से अधिक राशि भी खर्च की जा सकती है। स्कूल भवन की छोटी-छोटी मरम्मत, रंग-रोगन, पेंटिंग का कार्य, ब्लैक बोर्ड, बेंच-डेस्क, टेबल, कुर्सी का रख-रखाव एवं मरम्मति का कार्य, विभिन्न प्रकार के रजिस्टर, चॉकृडस्टर एवं अन्य सामग्रियों की खरीद भी की जा सकती है।

लैब के रख-रखाव और इसके लिए जरूरी सामग्रियों का क्रय, लाइब्रेरी के लिए न्यूज पेपर की खरीद,खेल सामग्री का रख-रखाव जैसे काम भी इनमें हैं। स्कूल के बाल संसद का विवरण, विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों का नाम और फोटो, स्कूल के हाउस का विवरण का दीवार पर प्रदर्शन, नोटिस बोर्ड, हेल्थ कैंप का आयोजन सहित दूसरे जरूरी कार्य भी इस राशि से किये जा सकते हैं।

जेईपीसी की ओर से कहा गया है कि स्कूलों में हैंडवॉश फैसिलिटी, अतिरिक्त शौचालय, खेल मैदान का समतलीकरण, पेयजल एवं अन्य कार्यों की सुविधा के लिए स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि (मुखिया वगैरह) से समन्वय स्थापित करते हुए प्रखंड मुख्यालय को प्रस्ताव भेजे जा सकते हैं। जेईपीसी ने इस बात को भी उठाया है कि राज्य स्तरीय टीम ने पिछले दिनों विभिन्न जिलों में स्कूलों का भ्रमण किया था। इस दौरान देखा गया था कि पूर्व वर्ष में विद्यालय विकास अनुदान की राशि का समुचित उपयोग उपयोगी कार्यों में नहीं किया गया।

शत-प्रतिशत राशि का उपयोग करने में भी कई स्कूल पीछे रहे। कुछ स्कूलों ने यह राशि नहीं मिलने की भी शिकायत की। इससे ऐसा लगता है कि राशि के उपयोग की वर्तमान व्यवस्था की जानकारी कई स्कूलों के हेडमास्टर को नहीं है। इसकी सूचना इस बार सभी हेडमास्टर को भेजी जाय। जिन स्कूलों में पूर्व में मिली राशि का समुचित उपयोग नहीं किया गया है, उनका विशेष अंकेक्षण किया जायेगा। साथ ही कार्रवाई भी की जायेगी।