केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एडिटेड वीडियो को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. जांच में पता चला कि एडिट किए गए वीडियो का आईपी एड्रेस तेलंगाना का निकला, यानी कि वीडियो तेलंगाना के आईपी एड्रेस से पोस्ट किया गया था. यानी कहा जा सकता है कि अमित शाह का वीडियो तेलंगाना से ही वायरल किया गया है. IFSO यानी इंटेलिजेंस फ्यूज़न एंड स्ट्रैटजिक ऑपरेशंस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है.
तेलंगाना में जांच तेज
दिल्ली पुलिस साइबर सेल की एक टीम तेलंगाना में जांच कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, तेलंगाना पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है, तेलंगाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 4 लोगों से दिल्ली साइबर सेल पूछताछ करेगी. जानकारी के मुताबिक साइबर सेल गिरफ्तार चारों लोगों को ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली ला सकती है. हालांकि, गिरफ्तार किए गए चारों लोग तेलंगाना कांग्रेस के नेता हैं और सोशल मीडिया से जुड़े हुए हैं।
दिल्ली पुलिस ने राजनीतिक दलों के सदस्यों को समन जारी किया है
बता दें कि इससे पहले अमित शाह के फर्जी वीडियो मामले में पुलिस ने राजनीतिक दलों के सदस्यों को समन जारी किया था, लेकिन किसी भी राजनीतिक दल का कोई भी सदस्य दिल्ली पुलिस के सामने पेश नहीं हुआ. इस मामले में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्होंने झारखंड, उत्तर प्रदेश से कुछ नेताओं और उत्तर-पूर्व से एक व्यक्ति को बुलाया था. लेकिन गुरुवार को पूछताछ के लिए कोई नहीं पहुंचा. अब जानकारी मिल रही है कि दिल्ली पुलिस इस मामले में तेलंगाना कांग्रेस के सदस्यों को एक और नोटिस दे सकती है.
रेवंत रेड्डी के वकील ने जवाब दाखिल किया
सीएम रेवंत रेड्डी ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस का ट्विटर अकाउंट वह नहीं संभालते हैं। जवाब दाखिल करते हुए रेवंत रेड्डी के वकील ने कहा कि सीएम रेड्डी केवल दो ट्विटर अकाउंट, सीएमओ तेलंगाना और अपने निजी अकाउंट का उपयोग कर रहे थे। साथ ही कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा उठाया गया सवाल अप्रासंगिक है. नकली वीडियो अपलोड करने या साझा करने के लिए न तो उनका और न ही उनके खाते का उपयोग किया गया है। गौरतलब है कि रेवंत रेड्डी न सिर्फ तेलंगाना के सीएम हैं बल्कि तेलंगाना कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं।
दिल्ली पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है
गौरतलब है कि अमित शाह के एडिटेड वीडियो को लेकर दिल्ली पुलिस एक्शन में आ गई है. मामले में सीएम रेवंत रेड्डी को 1 मई को अपने मोबाइल फोन के साथ दिल्ली पुलिस की साइबर यूनिट के सामने पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन वह पेश नहीं हुए. वकील ने जवाब दाखिल किया. खास बात यह है कि स्पेशल सेल ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आरक्षण के मुद्दे पर अमित शाह के भाषण के फर्जी वीडियो प्रसारित करने के मामले में एफआईआर दर्ज की है।