नई दिल्ली, 11 मार्च (हि.स.)। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को दिल्ली ग्रामोदय अभियान के तहत दिल्ली के 41 गांवों में पीएनजी सुविधा एवं 178 गांवों में 383 करोड़ रुपये के विभिन्न विकास कार्यों का शुभारंभ किया।
अमित शाह ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा यशोभूमि द्वारका में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज दिल्ली के ग्रामीण क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि दिल्ली के 41 गांवों में पाइप लाइन से गैस पहुंचने की शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा कि इससे गृहणियों को अब अचानक गैस सिलेंडर खत्म होने वाले परेशानी से निजात मिलेगी। इतना ही नहीं गैस सस्ती दरों पर भी मिलेगी और गैस सिलेंडर बुक करने की चिंता भी नहीं सताएगी। अब दिल्ली की महिलाओं को चिंता करने की जरूरत नहीं है, 24 घंटे पाइप से गैस उनके घर में उपलब्ध होगी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले 10 साल के अंदर देश में नई कार्य संस्कृति की शुरुआत की है। ये 10 साल भारत के गांव के विकास के 10 साल रहे। मोदी ने कहा वो करके दिखाया है। उन्होंने कहा कि शहर और गांव के जीवन का अंतर खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने अनेक कदम उठाये और इसके अच्छे नतीजे आये।
अमित शाह ने भाजपा के घोषणा पत्र के तीन प्रमुख विषयों को मोदी सरकार द्वारा पूरा करने का उल्लेख करते हुए देश के संविधान से अनुच्छेद 370 को समाप्त कर जम्मू कश्मीर को भारत का हिस्सा बनाने, अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण और तीन तलाक का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने भाजपा के हर चुनाव घोषणा पत्र के एजेंडे को समाप्त कर पूरे देश में एक नये उत्साह का वातावरण बनाया है।
शाह ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन की आलोचना करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री मोदी 400 से अधिक सीटों के साथ सत्ता में लौटेंगे।
दिल्ली की राजनीति को लेकर अमित शाह ने कहा, “राजनीति में दो तरह के लोग होते हैं- एक जो कहते हैं वो करते हैं और दूसरे वे जो कहते हैं उसके बिल्कुल विपरीत करते हैं। दिल्ली में दोनों तरह के लोग मौजूद हैं। एक नरेन्द्र मोदी हैं जो कहते हैं वो करते हैं वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं उन्होंने जो-जो कहा वो कभी नहीं किया।”
शाह ने अन्ना आंदोलन को याद करते हुए कहा कि उस समय केजरीवाल मंच से कहते थे कि हम कभी राजनीति में नहीं जाएंगे। लेकिन 26 नवंबर 2012 को उन्होंने अपनी राजनीतिक पार्टी बना दी और मुख्यमंत्री बन गये जबकि अन्ना बेचारे वहीं के वहीं बैठे हैं। केजरीवाल ने कांग्रेस के भ्रष्टाचार के खिलाफ चुनाव लड़े और आज वो कांग्रेस की गोद में जाकर बैठकर कांग्रेस के भ्रष्टाचार की वाह-वाही कर रहे हैं।
शाह ने कहा कि केजरीवाल कितने ही गठबंधन कर लें लेकिन उनका गठबंधन सफल नहीं होगा। प्रधानमंत्री मोदी 400 से अधिक सीटों के साथ सत्ता में फिर आएंगे।